मैडिटेशन / ध्यान क्या हैं , कैसे करें , इसके फायदे | MEDITATION KAISE KARE , BENEFITS IN HINDI
वर्तमान भौतिक वादी व उपभोक्तावादी युग में इंसान ने आधुनिकता के नाम पर आने आस पास अनेक ऐसे साधन एकत्रित कर लिए है । जिन्होंने इंसान के मानसिक तनाव में वृद्धि करने का कार्य किया हैं। आज इंसान कंक्रीट के जंगल मे रहता है, बड़ी बड़ी गाड़ियों में घूमता है , खुद को आधुनिक बताने वाला यह इंसान कही न कही मानसिक तनाव लिए घूम रहा हैं। आज प्रत्येक इंसान , विद्यार्थियों, व्यापारी आदि कही न कही दबाव महसूस कर रहा हैं। तभी आज योग और आयुर्वेद की मांग में वृद्धि हो रही हैं। योग प्राचीन काल से ही हमारी दिनचर्या का हिस्सा हुआ करता था। परंतु कुछ विदेशी साजिशों के कारण, भौतिक वस्तुओं की महत्त्ता बढ़ा लेने के कारण, भाग दौड़ भारी ज़िन्दगी आदि के कारण हमने ध्यान , योग को कही पीछे छोड़ दिया हैं। जब हमें कोई समस्या होती हैं तभी हम योग , ध्यान को याद करते है। आज गूगल पर ध्यान ,योग से संबंधित अनेक सवालों को सर्च करने की संख्या बढ़ी है जैसे कि – ध्यान (MEDITATION) के फायदे क्या है ( benefits ofmeditation / meditation kefayde ) , ध्यान (MEDITATION) कैसे करते हैं( howtodomeditation / meditation kaisekare) , ध्यान (MEDITATION) कितने प्रकार के होते हैं ( types of meditation ) आदि आदि।
इस लेख में इन्ही सवालों के जवाब देने का प्रयास किया गया हैं।
ध्यान (मेडिटेशन) क्या है? WHAT IS MEDITATION ?
ध्यान (MEDITATION) एक प्रकार से हमारे मस्तिष्क के लिए एक व्यायाम (EXERCISE) है। पहले हमें पता होना चाहिए की हमारा मस्तिष्क कैसे काम करता है। हमारा मस्तिष्क सवेरे उठने से लेकर रात को सोने तक दिन भर हमारे दिमाग की आदत है। यहाँ से वहाँ भटकना, तभी हम जब पढ़ते है तब हमे कुछ और ख्याल आता है, पिक्चर देखते है तो कुछ और याद आएगा। हम वर्तमान में है परन्तु हमारा दिमाग कहीं और रहता है, और ये हम सभी के साथ होता है ।
ध्यान (MEDITATION) से हम अपने मस्तिष्क की कार्य करने की प्रक्रिया को भी समझते हैं कि किस प्रकार हमारा मस्तिष्क कार्य करता हैं।
पिछले कुछ सालों से ये समस्या ज्यादा बढ़ गयी है क्योंकि इस डिजिटल युग में इंटरनेट, स्मार्टफोन ये सभी चीज़ें हमारा ध्यान अलग-अलग दिशाओं में आकर्षित करती है। पिछले कुछ सालों में छात्रों, कॉलेज छात्र, युवा वर्ग जो परीक्षाओं की तैयारी कर रहे है उनके ध्यान केंद्रित करने की जो क्षमता है वो और कम हो गयी है। कुछ छात्र तो ऐसे भी है कि उनके लिए एक जगह पर बैठ कर 15 मिनट भी पढ़ पाना मुश्किल है। हर 5 मिनट में उनका ध्यान भटक जाता है, और यह एक बहुत बड़ी समस्या है।
एक विद्यार्थी के लिए सबसे बड़ा जो शस्त्र है वो है ” ध्यान केंद्रित करने की क्षमता ” अगर आपके पास ये शस्त्र है तो आप अपनी जिंदगी में कुछ भी कर सकते है। परन्तु अगर आप ध्यान केंद्रित नहीं कर सकते है तो भले ही आप दिन में 10 घंटे पढ़े या ज्यादा आपका दिमाग बार-बार यहाँ-वहाँ भटकता रहेगा, हम पढ़ तो रहे है परन्तु वो चीज़ हमारे दिमाग में घुस नहीं रही है। हम सोचते है हमारी याददास्त कम है या हम कमजोर है, परन्तु इसका मुख्य कारण है की हम अपने ध्यान को केंद्रित नहीं कर पा रहे है, फोकस नहीं कर पा रहे है। इस परेशानी का उपाय है ध्यान (MEDITATION)।
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ध्यान (MEDITATION) कैसे करे ? How to do meditate
ध्यान (MEDITATION) के लाभ में हमे अपने दिमाग एवं मन को वर्तमान में केंद्रित करने हेतु प्रशिक्षित करना है क्योकि हमारा दिमाग भविष्य में या अतीत में भागता रहता है। मेडिटेशन किसी भी प्रकार का हो उसमे सबसे मुख्य है अपने दिमाग को किसी एक चीज़ पर केंद्रित करना। हम इस लेख के माध्यम से आपको MIND FULLNESS MEDITATION अर्थात वर्तमान के बारे में चेतना बनाये रखना। यह आज दुनिया में सबसे अधिक किया जाने वाला मेडिटेशन है।
ध्यान (MEDITATION) करने के लिए निन्म चरणों को अपनाएं ( follow these steps to do meditation )
- इसमें हमे अपने दिमाग को ट्रेन करना है किसी एक चीज़ पर फोकस करने हेतु और वह है हमारी सांस (BREATHE), सांस ही क्यों ?
आपने महसूस किया होगा कि जब भी हमें अचानक डर लगता है, हमारा मस्तिष्क संकेत देता है कि डर है , तो हमारी साँसों की गति बढ़ जाती हैं।
वही जब हम शांत होते है तो हमारी सांसे भी शांत और सरलता से चलती महसूस होती हैं। अतः हमारी
सांसे कही न कही सीधे और मजबूत तौर पर अन्तरसम्बन्धित होती हैं। - सांस हमेशा रहती है उसके ऊपर हमें कुछ अतिरिक्त प्रयास करने की जरुरत नहीं है और हुुमें कुछ अन्य ख्याल नहीं आएगा। मेडिटेशन करने के लिए आप आराम से कहीं पर बैठ जाइए ऐसा जरुरी नहीं है की आपने कुछ आसन लगाना है ।आपको जहां पर भी अच्छा लगे आप वहाँ बैठ जाइए।
- अब आपने कुछ गहरी सांस लेनी है नाक से सांस अंदर ले और बाहर छोड़े, इससे हमारे रक्त (ब्लड) में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ जाती है। जिससे हमारा दिमाग शांत होने लगता है। फिर आपने आँखे बंद करके अपनी सांस में ध्यान देना है अपना ध्यान अपनी सांस पर केंद्रित करना है। इसके लिए आपको अपनी नाक के अग्र भाग ( आगे के हिस्से ) या होंठ के ऊपरी हिस्से जहाँ भी सांस लगती महसूस हो । वही अपना ध्यान केंद्रित करें।
- अगर सांस कही भी लगती महसूस न दे तो थोड़ी तेज तेज सांस ले और उस बिंदु को पकड़ कर । वही ध्यान केंद्रित करें और फिर सांस धीरे धीरे करके सामान्य स्तिथि में ले आएं।
- हमे सांसों पर कोई अतिरिक्त जोर नहीं लगाना हैं। सांसों को सरलता , सहजता , सामान्यता से चलने दे।
- ऐसा करते हुए आपके मन मे अनेक विचार आएंगे , ओर आपका मन इधर से उधर भागेगा । बिल्कुल भी तनाव न ले। क्योकि अभी तक हमने इतने साल मस्तिष्क को अपनी मर्जी करने दी हैं। तो तुरंत आदत तो नही जाएगी । इसलिए दृढ़ इच्छा शक्ति के साथ बैठे रहे। बस दिमाग को खींचकर उसी बिंदु पर केंद्रित करते रहे जहाँ सांस महसूस दे रही हैं।
- इस प्रक्रिया में आपके मन में अलग अलग विचार आएंगे परन्तु आपने उन सभी की उपेक्षा (NEGLECT) कर अपनी सांस पर ध्यान केंद्रित करना है और पुनः यह क्रिया करते रहनी है ।
- शुरू के कुछ दिन तो आपको बैठने की आदत ही डालनी हैं। रोज बैठे जरूर चाहे मन कितना ही भागे । ध्यान कैसे करे ( how to do meditation / meditation kaise kare ) ? इस सवाल का जवाब यही है कि बार बार प्रयास करें।
अतः ऊपर की इस चर्चा से कह सकते है कि –
ध्यान (MEDITATION) में तीन चरण है:-
(1) सांस पर ध्यान देना।
(2) जब आपके दिमाग में कोई विचार आया उसका अहसास करना और उसे जाने देना।
(3) पुनः ध्यान सांस पर केंद्रित कर दुबारा वही क्रिया करना।
यही ध्यान (MEDITATION) है। जब आप शुरुआत कर रहे है, कम से कम 15 से 20 मिनट इसे करे आपको अपने जीवन में बहुत परिवर्तन दिखेगा। आपकी जितनी भी नकारात्मक भावनाएं है वो सभी दूर हो जाएंगी, आपका मन केंद्रित रहेगा और आपके लक्ष्य आपको अवश्य प्राप्त होंगे। ध्यान (मेडिटेशन) के लाभ भी आपको इसको करने से दिखाई देंगे। मेडीटेशन के कारण आपके व्यक्तित्व में सकारात्मक परिवर्तन अवश्य होगा और आपका मन एवं मस्तिष्क स्थिर रहेगा।
ध्यान के लाभ ( benefits of meditation / meditation ke labh )
- मस्तिष्क को नियंत्रित करने में सहायता मिलती हैं।
- जिससे मस्तिष्क शांत रहता हैं।
- मानसिक तनाव से छुट्टी मिलती हैं।
- जीवन मे अनुशासन लाने में सहायक होता हैं।
- कार्यक्षमता में वृद्धि होती हैं।
- जीवन मे लक्ष्य प्राप्ति में सहायक।
- मानसिक स्वास्थ्य सही रहता हैं।
- जीवन मे ऊंचे लक्ष्य रखने और उन्हें प्राप्त करने में सहायक।
- मानसिक स्वास्थ्य सही होने से विद्यार्थियों की कार्यक्षमता में वृद्धि जैसे कि याद रखने में सहायक , पढ़ने में कंसंट्रेशन / एकाग्रता बढ़ाने में सहायक। आदि।
- चिंता को चिता समान कहा गया हैं। ध्यान चिंता से मुक्ति दिलाने में सहायक हैं।
- ध्यान हमे अपने आप से मिलाता हैं।
- आत्म विश्लेषण में सहायक।
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