6 तरीको से कंटेंट राइटिंग ( Content Writing ) में रचनात्मकता को बढ़ाए। | 6 ways to improve creativity in content writing skill |
Content Writing
डिजिटल युग मे अनेक क्षेत्रों में रोजगार का विकास हुआ हैं। जैसे ब्लॉगिंग, वीडियो बनाना, कंटेंट राइटिंग ( content writing ) , वेबसाइट डेवलपर आदि। कंटेंट राइटिंग ( content writing ) एक ऐसा कार्य है जिसकी माँग एक बड़े स्तर पर हैं। ब्लॉग , वेबसाइट कंटेंट, you tube आदि पर कंटेंट की आवश्यकता होती हैं। आज डिजिटल युग मे प्रतिस्पर्धा बहुत बढ़ गयी हैं। ऐसे में अगर खुद की जगह बनानी है तो आपको समय समय पर अपने कौशल में बढ़ोतरी करते रहना होगा। ऐसे ही कंटेंट राइटिंग ( content writing ) से सम्बंधित लेखकों को भी अपने कौशल में समय के साथ बदलाव करना बहुत जरुरी हैं।
ब्लॉग और वेबसाइट की अपनी एक दुनिया हैं और उस दुनिया में कंटेट को राजा कहा जाता है। अतः उस दुनिया मे वही राजा राज करेगा , जिसमें जितना दम होगा । कंटेंट में रचनात्मकता का अपना महत्व होता हैं।
जो कंटेंट राइटर जितना अधिक रचनात्मक होगा उसका लेखन कौशल भी उतना ही समृद्ध होगा।
अतः लेखन कौशल में विकास हेतु समय समय पर रचनात्मकता का विकास भी अत्यंत जरूरी हैं।
जिस क्षेत्र में जितनी अधिक प्रतिस्पर्धा होगी उस क्षेत्र में अपनी जगह बनाने के लिए उतना ही रचनात्मक होना पड़ेगा।
कंटेंट राइटिंग ( Content Writing ) कौशल में रचनात्मकता को बढ़ाने के तरीक़े –
6 ways to improve creativity in Content Writing skill
1. निरंतर पढ़ते रहे –
लेखन कौशल को बढ़ाने के लिए पढ़ना अत्यंत जरूरी है। जितना अधिक पढ़ोगे उतनी ही अधिक अपने विषय मे ज्ञान प्राप्त होगा। ज्ञान प्राप्त होगा तो तर्कशक्ति में भी वृद्धि होगी।
मस्तिष्क को जितना अधिक कार्यशील रखा जाता है। ये उतनी ही अधिक प्रबलता से कार्य करता हैं।
रचनात्मकता के विकास के लिए मस्तिष्क का क्रियाशील रहना अत्यंत आवश्यक हैं। जिस प्रकार चाकू का प्रयोग लंबे समय से न करने पर उसकी धार कम होने लगती हैं। हमारा मस्तिष्क भी उसी प्रकार कार्य करता हैं। अतः रचनात्मकता के विकास हेतु पढ़ना चाहिए ड्राइंग बनाने से भी रचनात्मकता का विकास होता हैं।
कविता पढ़ने से भी रचनात्मकता का विकास होता हैं।
पढ़ने से आपको किसी विषय पर अलग तरह से सोचने और अपने विचार रखने के तरीकों के बारे में पता चलता हैं। जिसका प्रयोग आप अपने लेखन में कर सकते हैं।
2. संसार मे होने वाली घटनाओं के प्रति जिज्ञासा बनाये रखें-
हमे हमारे आस पास चल रहे घटनाक्रम पर भी नज़र बनाएं रखनी चाहिए। हमें घटनाओं से संबंधित जानकारी के विषय मे पढ़ना या जानते रहना चाहिए। इससे विश्लेषण क्षमता का विकास तो होता ही है साथ ही रचनात्मकता के विकास में भी सहायक होती हैं।
3. अपनी आरामदायक स्थिति से बाहर निकले ( Comfort Zone )
इंसान जब अपनी आरामदायक स्थिति ( comfort zone ) से बाहर निकलने का प्रयास कर रहा हैं। तब उसके बहुमुखी विकास के रास्ते भी खुलते हैं। जब इंसान एक ही स्थिति में बने रहने की स्थिति में रहता है तो वो एक ही तरह का अनुभव और क्षमता का विकास करता रहता हैं। परंतु जब इंसान अपने कम्फर्ट जोन से बाहर आता है तो उसे अपनी क्षमताओं का विकास करना पड़ता है। इन सब कार्यो से आपके लेखन कौशल में भी विकास होता हैं। क्योंकि आपको जितना अधिक अनुभव होगा वो आपके लेखन कौशल में भी प्रदर्शित होगा।
रचनात्मकता का भी संबंध आरामदायक स्तिथि से नही हैं।
4. विपरीत स्थिति को भी अपने विकास के अवसर के रूप में ले –
विपरीत स्थिति में अनेक लोग हौसले हार जाते है। जिसका प्रभाव उसके सभी कार्यो पर पड़ता हैं। विपरीत स्थिति को आने विकास के अवसर के रूप में ले। विपरीत स्थिति में हौसले हारने से लेखन कौशल पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता हैं। क्योंकि अगर विपरीत स्थिति में तनाव बढ़ेगा तो मस्तिष्क लेखन कार्य मे भी अपना अधिक योगदान नहीं देगा। वही अगर आप उस स्थिति में भी कुछ अच्छा ढूंढने के प्रयास करेंगे तो इससे आप अपनी क्षमताओं को बढ़ाने का भी प्रयास कर रहे होते हैं। जिससे कुछ नया अनुभव तो होगा ही जिससे कुछ नए रास्ते ढूँढने के प्रयास में रचनात्मकता में भी वृद्धि होगी।
वही अगर किसी कार्य या व्यवसाय को ही ले अगर विपरीत स्थिति आती है तो उस व्यापार को एक दम से बंद तो नही कर दिया जाता है। उसमें भी कुछ अलग रास्ते ढूँढने का प्रयास किया जाता हैं। अतः विपरीत स्थिति को भी अवसर के तौर पर ले।
जीवन में जितना आप असफलताओं और चुनौतियों को अवसर में बदलने का प्रयास करेंगे तो उतना ही आप अपनी क्षमताओं का विकास करेंगे।
5. अपने प्रतिद्वंदियों पर नज़र रखे और उन्हें पढ़ते रहे ।
किसी दौड़ में सफल होने के लिए आवश्यक है कि अगले धावक की क्षमताओं का आपको अनुमान होना अत्यंत जरूरी हैं।
इसी प्रकार अपने प्रतिद्वंदियों पर नज़र रखे और उनके लेखन का विश्लेषण करते रहे। आपको जो भी विकास की संभावनाएं दिखे उनका विकास करते रहे।
6. अभ्यास करते रहे –
एक जो सबसे अत्यंत आवश्यक कार्य हैं वो है अभ्यास करते रहना। लेखन कौशल में रचनात्मकता का सीधा संबंध लेखन के अभ्यास से हैं।
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शिवेंद्र सिंह चौहान
शिवेंद्र सिंह चौहान -
शिक्षा - बी. टेक. मैकेनिकल इंजीनियरिंग / समाजशास्त्र में स्नातकोत्तर ( Post Graduation ) किया हैं।
कार्यानुभव - 9 साल कॉर्पोरेट सेक्टर में - क्वालिटी इंजीनियर , डिज़ाइन इंजीनियर , ऑपरेशन मैनेजर के पदों पर कार्य करने का अनुभव प्राप्त है।
ब्लॉगिंग के क्षेत्र में भी 4 वर्ष का अनुभव प्राप्त है।