हिंदी साहित्य विगत वर्षों के प्रश्न पत्र :- सूरदास | Hindi Literature UPSC PYQ Topic Wise SURDAS | Hindi Literature UPSC PYQ SURDAS
Hindi Literature UPSC PYQ Topic Wise SURDAS
1. ‘भ्रमर-गीत-सार’ के दार्शनिक पक्ष की विवेचना करते हुए उसके काव्यगत महत्त्व की समीक्षा कीजिये। -2005
2. “सूर का काव्य अप्रस्तुत विधान की खान है”- इसको सप्रमाण सिद्ध कीजिये। -2011
3. सूरदास की भक्तिभावना और काव्य-कौशल का परिपाक भ्रमरगीत में किस तरह हुआ है? विश्लेषण कीजिये। -2012
4. बताइए कि किस प्रकार सूर की काव्यकला पौराणिकता में नवीनता का संचार करके प्रसंगों को विशिष्ट और लोकग्राह्य बना देती है। 2013
5. सोदाहरण स्पष्ट कीजिये कि सूर ने योगमार्ग को संकीर्ण. कठिन और नीरस तथा भक्तिमार्ग को विशाल, सरल और सरस क्यों कहा है? 2014
6. सूर के काव्य में जितनी सहृदयता है उतनी वाग्विदग्घता भी। स्पष्ट कीजिये। -2015
7. भ्रमर गीत के माध्यम से सूरदास ने किस प्रकार अपनी गहन भक्ति-भावना और अप्रतिम काव्य-कला का परिचय दिया है? विवेचन कीजिए -2016
8. “काव्य जीवन को अर्थवत्ता प्रदान करता है और काव्य की अर्थवत्ता बिम्ब से निर्मित होती हैं।” इस कथन के आलोक में सूरदास के काव्य का मूल्याकंन कीजिये। 2017
19. हिन्दी भ्रमरगीत-परंपरा में सूरदास कृत भ्रमरगीत का वैशिष्टय निरूपित कीजिये। 2018
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