डिजिटल अरेस्ट क्या है ,कैसे बचे। What is Digital Arrest in Hindi
साइबर अपराधों में सबसे नया तरीका जिससे अनेक लोग पीड़ित हो रहें हैं उसका नाम हैं डिजिटल अरेस्ट। डिजिटल अरेस्ट की गंभीरता आप इस बात से समझ सकते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अक्टूबर महीने में मन की बात में इसकी चर्चा की थी।
कुछ आकड़ो के अनुसार इस साल जनवरी से अप्रैल तक ही डिजिटल अरेस्ट के द्वारा भारतीय नागरिकों से लगभग 120 करोड़ के आस पास ठगी हो गई हैं।
डिजिटल अरेस्ट में साइबर अपराधी पीड़ितों से पैसे वसूलने के लिए सरकारी अधिकारी का रूप धारण करके, इस तरह दिखाते हैं कि जैसे वों किसी सरकारी एजेंसी की तरफ से बात कर रहें हो।
डिजिटल अरेस्ट में पीड़ितों को कुछ साइबर अपराधियों के वीडियो कॉल आते हैं, जिसमें उन्हें बताया जाता हैं कि वों किसी सरकारी एजेंसी से हैं, और पीड़ितों को कहा जाता हैं कि आपका नाम इनकम टैक्स चोरी या आपके बच्चे का नाम किसी विवाद, चोरी या बलात्कार में आया हैं। इसके बाद ये लोग पीड़ित को डराते और धमकाते हैं।
ये पीड़ित को वीडियो कॉल पर रहने को ही कहते हैं, और वीडियो कॉल पर ही ये पीड़ित व्यक्ति को डराते धमकाते हैं और वहीं उनसे कहते हैं कि अगर उन्हें अपना नाम हटवाना हैं या कार्यवाही से बचना हैं तो इसके लिए उन्हें रूपये देने होंगे। एक प्रकार से ये पीड़ित व्यक्ति को वीडियो कॉल पर ही अरेस्ट करते हैं और मामला सुलझ जाने तक उन्हें वीडियो कॉल पर रहने को मजबूर करते हैं। इसलिए ही इस साइबर अपराध का नाम डिजिटल अरेस्ट रखा गया हैं।
यहाँ तक कि ये अपराधी पुलिस अधिकारी की वर्दी पहने भी वीडियो कॉल करते हैं जिससे पीड़ित को विश्वास दिलाया जा सकें कि वों सच में किसी सरकारी एजेंसी की तरफ से ही बोल रहें हैं।
इसके बाद शुरू होता हैं डरा धमका कर ब्लैकमेल करने का खेल।
डिजिटल अरेस्ट में साइबर अपराधी किस प्रक्रिया को अपनाएंगे ( Digital Arrest in Hindi )
Step -1 – सबसे पहले अनजान नंबर से पीड़ित के व्हाट्सएप पर वीडियो कॉल आती है।
Step -2 – साइबर अपराधी खुद को किसी एजेंसी जैसे , प्रवर्तन निदेशालय (ED), केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (Central Bureau Investigation- CBI) , भारतीय रिज़र्व बैंक (Reserve Bank of India- RBI) , नारकोटिक्स विभाग या पुलिस विभाग का कर्मचारी बता कर फ़ोन करते है। वीडियो कॉल करने वाले व्यक्ति का बैकग्राउंड पुलिस स्टेशन जैसा नजर आता है।
Step – 3 – ये पीड़ित को डराने के लिए उसका या उसके किसी सम्बन्धी जैसे भाई , बच्चे आदि का नाम किसी केस में आने की सूचना देंगे जैसे कि टैक्स चोरी , बलात्कार ,अन्य कोई विवाद आदि।
Step – 4 – पीड़ित को डरा धमका कर वीडियो कॉल पर रहने को ही मजबूर करते है जिसे डिजिटल अरेस्ट बोला जा रहा है।
Step – 5 – पीड़ित को लगता है कि पुलिस उससे ऑनलाइन पूछताछ कर रही है या मदद कर रही है। केस को बंद करने और गिरफ्तारी से बचने के लिए मोटी रकम की मांग की जाती है।
डिजिटल अरेस्ट का शिकार हुए लोगों के कुछ उदाहरण ( Digital Arrest Examples In Hindi ) –
- दिल्ली में एक 72 वर्षीय महिला को सीबीआई अधिकारी होने का दिखावा करने वाले कुछ लोगों की कॉल आती है। और वो उनके साथ 13 घंटे की वीडियो कॉल में डिजिटल अरेस्ट रहती है और 83 लाख रुपये गंवा देती है ।
- नोएडा के एक प्रसिद्ध डॉक्टर को भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) का अधिकारी बताकर कुछ साइबर अपराधी कॉल करते है और 60 लाख रुपये ठग लते है।
- इंदौर में एक वैज्ञानिक और उनकी पत्नी को 6 दिन तक डिजिटल नजरबंद रखा गया और 71 लाख रुपये देने पर मजबूर किया गया।
इस प्रकार हम देख सकते है कि डिजिटल अरेस्ट के शिकार अच्छे पढ़े लोग भी हो रहे हैं।
डिजिटल अरेस्ट से बचने के कुछ उपाए –
- सतर्कता और जागरूकता आवश्यक –
एजेंसियो के अनुसार कोई भी सरकारी जांच एजेंसी आधिकारिक संचार के लिए वॉट्सएप या स्काइप जैसे प्लेटफॉर्म्स का उपयोग नहीं करतीं हैं । इसलिए जब भी कोई ऐसी कॉल आये तो डरने की आवश्यकता नहीं है बल्कि बिना किसी डर के निडरता से उन्हें जवाब दे और उनके किसी भी बहकाये में न आए ।
- डरे नहीं –
साइबर अपराधी का पहला कदम होता है व्यक्ति को डराना , जिसके लिए वो उनको अपराध का बहाना लेकर डरायेंगे और उनके साथ गाली गलोच भी कर सकते है। इसलिए ऐसी स्तिथि में डरे नहीं और उन्हें खुद पर हावी न होने दे बल्कि जब आपने कोई अपराध किया ही नहीं तो उसपर खुद हावी होने का प्रयास करे।
- नजरअंदाज करें
साइबर ठग कभी मैसेज से या कभी ईमेल से कोई लिंक भेज सकते है या कोई जानकारी मांगने का प्रयास कर सकते है। ऐसी स्तिथि में इस तरह के मैसेज और ईमेल या कॉल को नजरअंदाज करें।
- जल्दबाजी में कोई जानकारी न दे
डरकर या किसी बहकाये में आकर जल्दबाजी में किसी को भी अपनी कोई जानकारी देने की गलती मत करे। उस जानकारी का प्रयोग आपके साथ ठगी करने में किया जा सकता है।
- धोखाधड़ी की रिपोर्ट करें
किसी भी तरह की धोखाधड़ी की जानकारी पुलिस को जरूर दे। यदि आपके साथ भी साइबर अरेस्ट का प्रयास किया जाता है या आप इसका शिकार हो जाते है तो इसकी जानकारी अवश्य दे। सरकार ने इसके लिए टोल फ्री नंबर भी उपलब्ध कराए है।
सरकार द्वारा उठाये गए कदम –
डिजिटल अरेस्ट जैसे अपराध से बचने के लिए सरकारी एजेंसी लगातार ठोस कदम उठा रही है। भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (Indian Cybercrime Coordination Centre- I4C) डिजिटल अरेस्ट जैसे अपराध से नागरिकों की सुरक्षा करने के लिए लगातार तत्पर है।
आम जनता को जागरूक करने के लिए प्रधानमंत्री तक मान की बात कार्यकर्म में बोल चुके है , मीडिया सभी अपनी भूमिका निभा रहे है। गृह मंत्रालय ने भी साइबर अरेस्ट के लिए जिम्मेदार क्रॉस बॉर्डर सिंडिकेट पर नकेल कसने के लिए अनेक कदम उठाए है। मंत्रालय लगातार इन जैसे सिंडिकेट की पहचान करने में लगा हुआ है।
Digital Arrest in Hindi
भाषा का नष्ट होना, एक संस्कृति के नष्ट होने के समान