-:उत्तराखंड बोर्ड परीक्षा:- UTTARAKHAND BOARD EXAM SPECIAL

आने वाले कुछ ही समय बाद उत्तराखंड बोर्ड की कक्षा दसवीं और बाहरवीं की परीक्षाएं होने वाली हैं। इस सत्र में कोरोना महामारी की वजह से अधिकांश पढ़ाई ऑनलाइन माध्यम से हुई थी, बाद में नवंबर माह से धीरे-धीरे विद्यालय में कक्षाएं चलने लगी जिससे बोर्ड परीक्षाओं के मद्देनजर शिक्षकों एवं विद्यार्थियों को इस महामारी की कठिन परिस्थितियों में बहुत मदद मिली। कोरोना महामारी की वजह से जो व्यवधान इस सत्र की पढ़ाई पर पढ़ा उससे बच्चों पर थोड़ा दबाव नज़र आता हैं। इसी दबाव को कम करने के लिए HKT भारत (Hindi Knowledge Track) टीम के सदस्य दीपक तिवारी ने अल्मोड़ा के विवेकानंद इंटर कॉलेज के अध्यापकों से बात की। जिससे विद्यार्थियों के संशय एवं दबाव को दूर किया जा सके।

UTTARAKHAND BOARD EXAM

सर्वप्रथम सभी अध्यापकों का धन्यवाद एवं साधुवाद जिन्होनें हमारे लिए अपने व्यस्ततम बहुमूल्य समय से कुछ समय निकाला। यहाँ हम अध्यापकों का परिचय प्रस्तुत कर रहे हैं जिनसे HKT भारत (Hindi Knowledge Track) के सदस्य दीपक तिवारी ने बात की।

(1) श्री गिरिजा शंकर जोशी जी (अंग्रेजी): गिरिजा शंकर सर पिछले 18 वर्षों से शिक्षा के क्षेत्र में अंग्रेजी विषय में योगदान दे रहें है। पिछले 9 वर्षों से अल्मोडा़ के विवेकानन्द विद्यालय में अपनी सेवा दे रहें है। इन्होनें अंग्रेजी विषय में स्नातकोत्तर एवं बी•एड• किया है।

(2) श्री सुरेश पाठक जी (सामाजिक विषय) :
सुरेश पाठक सर सन् 2007 से पिछले 14 वर्षों से विद्यालय में सामाजिक विषय में अपनी सेवा दे रहे है। इन्होनें राजनीति विज्ञान विषय में स्नाकोत्तर एवं बी•एड• किया है।

(3) श्री रघुबर जोशी जी (सामाजिक विषय) :
रघुबर सर सन् 2015 पिछले 6 वर्षों से विवेकानन्द विद्यालय में अपनी सेवा दे रहे है। इन्होनें भूगोल विषय में स्नाकोत्तर एवं बी•एड• किया है।

(4) श्री शंकर बिष्ट जी (हिन्दी) :
शंकर सर सन् 2012 से पिछले 9 वर्षों से विद्यालय में हिन्दी विषय में अपनी सेवा दे रहे है। इन्होनें हिन्दी विषय में स्नाकोत्तर एवं बी•एड• किया है।

(5) श्री अर्जुन बिष्ट जी (संस्कृत) :
अर्जुन बिष्ट सर पिछले 10 वर्षों से शिक्षा के क्षेत्र में संस्कृत विषय में अपना योगदान दे रहें है। पिछले 8 वर्षों से विवेकानन्द विद्यालय में अपनी सेवा दे रहे है। इन्होनें संस्कृत विषय में स्नाकोत्तर एवं बी•एड• किया है।

(6) श्री अनिल ढौढियाल जी (संस्कृत) :
अनिल सर पिछले 8 वर्षों से विवेकानन्द विद्यालय में संस्कृत विषय में अपनी सेवा दे रहे है। इन्होनें संस्कृत विषय में स्नाकोत्तर एवं बी•एड• किया है।

(6) श्री अर्जुन पाण्डे जी (संस्कृत) :
अर्जुन पाण्डे सर पिछले 8 वर्षों से शिक्षा के क्षेत्र में संस्कृत विषय में अपना योगदान दे रहें है। पिछले 6 वर्षों से विवेकानन्द विद्यालय में अपनी सेवा दे रहे है। इन्होनें संस्कृत विषय में स्नाकोत्तर एवं बी•एड• किया

यहाँ हम कुछ प्रश्न प्रस्तुत कर रहे है जो चर्चा में अध्यापकों एवं अध्यापिकाओं के समक्ष रखें।

प्रश्न :-  आपके विषय मे बच्चो को क्या विशेष रणनीति अपनानी चाहिए ।

अंग्रेजी (ENGLISH)

अंग्रेजी विषय के बारे में चर्चा करते हुए अंग्रेजी (ENGLISH) के अध्यापक श्री गिरिजा शंकर जोशी जी ने कुछ बिंदु बताए। जिनको ध्यान में रखकर बच्चे इस विषय में अच्छे नंबर ला सकते है।

1. सबसे पहले बच्चो को किसी भी प्रकार का तनाव नहीं लेना है, बोर्ड परीक्षा के ही बहुत से बच्चे डर जाते है और तनाव लेते है। बोर्ड परीक्षा को अपनी और परीक्षाओं की तरह ही ले, किसी भी प्रकार का कोई तनाव न ले और न डरे।

2. अंग्रेजी (ENGLISH) में LANGUAGE की लगभग सभी की समस्या रहती है, जिससे स्पेलिंग में गलतियां बहुत होती है उसमे जरूर ध्यान देने की जरुरत है।

3. अंग्रेजी विषय में WRITING का भी बहुत महत्व होता है, साफ लिखा हो, PRESENTATION अच्छे से किया हो जिससे बहुत लाभ या कहे एक प्लस पॉइंट मिलता है।

4. GRAMMAR (ग्रामर) सेक्शन में छोटे प्रश्न जिसमें अच्छी तैयारी होने के कारण समय कम लगता है और वो जल्दी हल हो जाते है, जिससे हमारे LONG ANSWER QUESTIONS के लिए टाइम बच जाता है।

5. अगर विधार्थी पिछले पेपर हल करके जाएंगे तो उनमे आत्मविश्वास बढ़ेगा, जो उनको बोर्ड परीक्षा में अच्छे नंबर लाने में सहायक सिद्ध होगा।

6. विद्यार्थियों के लिए TIME MANAGEMENT (समय प्रबंधन) परीक्षा की दृष्टि से अत्यंत आवश्यक पहलू है। कई बार बच्चे एक ही प्रश्न में बहुत ज्यादा समय लगा देते है जिससे बाद में समय कम पड़ जाता है और प्रश्नपत्र अधूरा रह जाता है, अतः समय प्रबंधन अत्यंत आवश्यक है, जिससे समय रहते बच्चे अपना पेपर पूर्ण कर लें।

सामाजिक विषय (SOCIAL SCIENCE)

सामाजिक विषय के अध्यापक श्री सुरेश चंद्र पाठक जी ने अपने 14 वर्षो के लम्बे अनुभव से विद्यार्थियों के लिए कुछ महत्वपूर्ण बिंदु बताये, जिन्हे ध्यान में रखकर बच्चे सामाजिक विषय में अच्छे नंबर ला सकते है।

1. पुराने प्रश्नपत्र को अच्छे से देखें जिससे परीक्षा देने में आसानी होगी, पुराने प्रश्नपत्र से आपको परीक्षा के पैटर्न का पता चल जायेगा और प्रश्न किस प्रकार के आते है यह भी स्पष्ट हो जायेगा।

2. किसी भी प्रकार का दबाव न लें सामाजिक विषय हैं अर्थात समाज से जुड़ा हुआ विषय है सामाजिक उदाहरण को ध्यान में रखकर अगर हम इस विषय को पढ़ेंगे तो निश्चित ही अच्छे नंबर ला सकते है।

3. हेल्प बुक की मदद लेकर कहानी के रूप में प्रश्नों के उत्तर याद करें, जिससे आसानी से आपको सभी प्रश्नो के उत्तर आसानी से याद हो जाएंगे। सकारात्मकता बनाते हुए पहले पेपर की तैयारी करे फिर सकरात्मकता के साथ ही पेपर दे।

4. आमतौर पर बच्चो में ये धारणा होती है कि सामाजिक विषय बहुत ज्यादा कठिन विषय हैं परन्तु ऐसा नहीं हैं, सामाजिक विषय अर्थात समाज से जुड़ा विषय अगर बच्चे इसे बार बार पढ़ेंगे और कहानी के सार की तरह समझेंगे तो देखेंगे कि ये बहुत आसान लगने लगती हैं।

सामाजिक विषय को बहुत कठिन विषय समझा जाता है इसीलिए हमने सामाजिक विषय के एक अन्य अध्यापक श्री रघुबर जोशी जी से भी बात की, उन्होंने भी अपने विचार से बच्चो के लिए सामाजिक विषय हेतु कुछ जरुरी बिंदु बताएं जिससे बच्चे सामाजिक विषय को कठिन न समझे और इस विषय में अधिक से अधिक स्कोर कर सकते है।

1. सामाजिक विषय के प्रति यह धारणा है कि बहुत कठिन एवं बोरिंग विषय है, इस बात को अपने दिमाग से बिल्कुल बाहर कर दे क्योंकि इस विषय में बहुत अच्छा स्कोर किया जा सकता है। बोर्ड परीक्षा में सबसे पहले प्रश्नपत्र को 5 मिनट अच्छे से पढ़ ले, जो भी प्रश्न का उत्तर पहले आता है उससे शुरुआत करे और बिना किसी दबाव के परीक्षा दे।

2. अगर आप पॉइंट्स में उत्तर दे रहे है तो पॉइंट्स को दोबारा रिपीट या दोहराये ना। शब्द सीमा का भी अवश्य ध्यान दे।

3. बड़े प्रश्नों के उत्तर को तीन भागो में बाट लीजिए, जिसमे सबसे पहले INTRODUCTION (परिचय) फिर मध्य भाग जिसमे आप पैराग्राफ प्रश्न के बारे में विस्तार से उत्तर देते है और विशेष अंतिम भाग जिसमे उत्तर का सारांश निहित हो।

4. मानचित्र (MAP) के प्रश्न में आसानी से स्कोर किया जा सकता है, भारत के मानचित्र को अपने सोने वाले स्थान में दीवार पर लगा ले और एक बार देख ले जिससे आपको ध्यान में रहेगा और आप मानचित्र में आसानी से उत्तर दे सकते है।

हिंदी (HINDI)

हिंदी विषय के अध्यापक श्री शंकर बिष्ट जी से बात करने पर उन्होंने भी पिछले साल के पेपर की महत्ता को बताते हुए कहा कि उत्तराखंड बोर्ड में पिछले वर्षों के प्रश्न दोहराये जाते है अगर बच्चे पिछले साल के प्रश्न-पत्रों का अभ्यास करके जाएंगे तो अगर परीक्षा में उससे ही मिलते जुलते प्रश्न आते हैं। तो वहाँ वो सवाल का जवाब कम समय मे दे पाएंगे। जिससे उन्हें उसमें ज्यादा समय नही लगेगा। 

हिंदी विषय में अगर एक रणनीति से कार्य किया जाए तो अच्छे नंबर लाये जा सकते है। अपना एक टाइम टेबल जरूर बनाएं हर विषय को महत्व दे, सभी विषयों हेतु समय का निर्धारण अवश्य करें।

हिंदी विषय में लेखनी का भी अत्यंत महत्व हैं, आप साफ तरीके से लिखें, पॉइंट के हिसाब से लिखे आपका लिखा हुआ अगर अच्छा दिखेगा तोह आपके हर किसी विषय में स्कोर करने की संभावनाएं अधिक होती है।

अतः इन बातों का ध्यान रखते हुए हिंदी में अच्छे नंबर लाएं जा सकते हैं।

संस्कृत (SANSKRIT)

संस्कृत के अध्यापकों श्री अर्जुन बिष्ट जी, श्री अनिल ढौढियाल जी, श्री अर्जुन पाण्डे जी से बात करने पर उन्होंने कहा कि :-

1. सबसे पहले बच्चे बिना किसी मानसिक दबाव के सभी विषय पढ़े। अगर वो बिना किसी मानसिक दबाव के पढ़ेंगे तो जल्दी समझ पाएंगे और जल्दी ही अच्छी तैयारी कर पाएंगे। अतः बिना किसी मानसिक दबाव के पढ़े।

2. संस्कृत विषय में निरंतरता नितांत आवश्यक है, जिससे बच्चे इस विषय में आसानी से बहुत अच्छे नंबर प्राप्त कर सकते है।

3. संस्कृत का निरंतर अभ्यास जिसमें संस्कृत में लिखना बहुत जरुरी है, क्योकि संस्कृत में बोलना और लिखना दोनों अलग-अलग बात है बोलने को बच्चा बोल लेता है परन्तु लिखने में गड़बड़ी कर देता है, अतः संस्कृत में लिखना अत्यंत आवश्यक है।

4. संस्कृत विषय में प्रश्न में ही उत्तर निहित होता है बस इसे समझने की बात है जिससे बच्चे इसमें अच्छे से अच्छा स्कोर कर सकते है।

विज्ञान (SCIENCE)

विज्ञान विषय में हमने सीनियर अध्यापकों श्री भूपेश पंत जी एवं श्रीमती दीपशिखा मैम से ही बात की जिनको बोर्ड परीक्षाओं का अच्छा खासा अनुभव है, उन्होंने पुराने पेपर की महत्ता को बताते हुए कहा कि पुराने प्रश्न-पत्रों को देखते हुए अपनी तैयारी करें। जिससे बच्चो में आत्मविश्वास तो बढेगा ही साथ ही अभ्यास भी हो जाएगा।

ये विश्लेषण अवश्य करे कि पिछले सालों में किस अध्याय से कितने प्रश्न आये हैं। किस अध्याय से ज्यादा प्रश्न आये हैं। मतलब पुराने पेपर का विश्लेषण बहुत जरुरी हैं।

सिलेबस के अनुसार ही पढ़े। न्यूमेरिकल के लिए फ़ॉर्मूला जरूर याद करें। एक अलग पेपर पर लिखें, जिससे याद करने में आसानी होगी।

सभी विषय में बार बार दोहराना (Revision) अति आवश्यक होता हैं। अतः पढ़ने के बाद उसे दोहराना न भूले। अगर हम केवल पढ़ कर आगे बढ़ जा रहे है और उसे दोहरा नहीं रहे हैं। तो एक समय बाद वो दिमाग में नहीं रहेगा। अगर काफी समय बाद हम उसे दुबारा पढ़ेंगे तो हमे ऐसा प्रतीत होगा कि जैसे हम ये पहली बार ही पढ़ रहे है। अतः दोहराने के लिए भी समय अवश्य निकाले।

गणित (MATHS)


गणित विषय में भी हमने सीनियर अध्यापक श्री नीरज मिश्रा जी से टिप्स लिए उन्होंने भी बच्चो को यही संदेश दिया कि किसी भी प्रकार का मानसिक दबाव न लेते हुए आत्मविश्वास के साथ पेपर दे। उन्होंने बताया कि गणित में सवाल को जितना ज्यादा कॉपी में हल करके देखेंगे उतना ही लाभ होगा। अगर सवालों को हल करने का अभ्यास अच्छे से किया जाए तो परीक्षा हॉल में ज्यादा परेशानी नहीं आएगी। अतः ज्यादा से ज्यादा सवालों को हल करें। उन्होंने आगे बताया कि फॉर्मूलों को भो लिख लिख कर याद करे। उन्होंने कहा कि सभी फॉर्मूलों को एक पेपर पर लिख ले और अपने साथ रखे । जब भी खाली समय मिले एक नज़र देख ले इससे फ़ॉर्मूले ज्यादा समय तक याद रहते है।

प्रश्न :- जिस प्रकार अबके सभी क्लासेज ऑनलाइन हुए है। उसका बच्चो की परीक्षा पर कोई प्रतिकूल प्रभाव पड़ा हैं। इस बारे में आपका क्या विचार हैं ?

उत्तर – इस प्रश्न पर सभी अध्यापकों की यही राय थी कि इससे परीक्षा पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।

अध्यापको ने कहा कि :-

नहीं, कोई प्रतिकूल प्रभाव तो नही पड़ेगा । बोर्ड का बच्चा काफी समझदार हो जाता हैं। हाँ, थोड़ा प्रभाव पड़ा है शिक्षा पर, परन्तु इतना नहीं कि उनकी परीक्षा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़े। हमें नवंबर माह से जब से विद्यालय खुले तो पर्याप्त समय मिल गया। जिससे बच्चों के टॉपिक और सिलेबस को समय से पूर्ण कर लिया गया है। ऑनलाइन पढ़ाई बच्चो और अध्यापकों के लिए नया अनुभव था। इससे हमें भी ओर बच्चो को सीखने को भी बहुत कुछ मिला है। उनके व्यक्तित्व में एक नया अनुभव शामिल हुआ जो आगे जाकर उन्हें बहुत लाभ देगा।

प्रश्न :- बोर्ड के एग्जाम में सिलेबस में से कुछ टॉपिक कम हुए है। या पूरे सिलेबस में से ही एग्जाम आएगा।

उत्तर – हाँ, इस बार बोर्ड ने कोरोना महामारी की वजह से बच्चो को बहुत बड़ी राहत दी हैं। बोर्ड ने लगभग 30% सिलेबस कम किया हैं।

अतः “HKT भारत (HINDI KNOWLEDGE TRACK )” टीम की अध्यापको से हुई उपरोक्त चर्चा से यही कह सकते है कि इस समय विद्यार्थियों को अपने मन से अनावश्यक प्रश्नो को निकाल देना चाहिए। विधार्थियो को आत्मविश्वास और सकारात्मकता के साथ पढ़ाई में अपना शत प्रतिशत देना चाहिए। अगर विधार्थियो को लगता हैं कि उनमे पर्याप्त सकारात्मकता नहीं बन पा रहा हैं तो वो हमारा ये लेख पढ़ सकते है। शायद ये उनमे कुछ सकारात्मकता बन सके।

सकारात्मक व्यक्तित्व | HOW TO DEVELOP POSITIVE ATTITUDE / THINKING IN HINDI

हमने युवाओ के लिए ही अनेक ऐसे लेख इस वेबसाइट पर लिखे है जो उनमे उम्मीदों के नये पंख लगाने में सहायक हो सकते है। हमारा लक्ष्य युवाओ को प्रोत्साहित कर उन्हें जीवन के उच्चतम शिखर तक जाता देखना है।

अगर विधार्थियो के कोई ऐसे प्रश्न हैं जो वो शिक्षकों से जानना चाहते है तो वो हमे hktbharat@gmail.com पर मेल करके बता सकते है। हम अवश्य ही आपके प्रश्नों को शिक्षकों के समक्ष रख कर आपके संशय का समाधान करने का प्रयत्न करेंगे।

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