( Centripetal Force and Centrifugal Force In Hindi )
वृत्ताकार पथ पर गति करने वाली वस्तु पर अभिकेन्द्रीय बल और अपकेन्द्रीय बल ( Centripetal Force and Centrifugal Force In Hindi ) कार्य करते हैं। जब कोई वस्तु किसी वृत्ताकार पथ पर गति करती है तो उसकी दिशा प्रत्येक क्षण बदलती रहती है मतलब कि उसका वेग परिवर्तनशील होता है ऐसा होने के लिए उस वस्तु पर बल कार्य करते है। एक बल केंद्र के ओर कार्य करता हैं जबकि दूसरा केंद्र से बाहर की ओर कार्य करता है। अभिकेन्द्रीय बल केन्द्र की ओर कार्य करता है जबकिबल अपकेन्द्रीय बल (Centrifugal Force In Hindi ) बाहर की ओर कार्य करता है।
अभिकेन्द्रीय बल (Centripetal Force In Hindi )
- किसी वस्तु को गति देने के लिए एक बल की आवश्यकता होती है, किसी वस्तु की गति किस प्रकार की होगी यह उस पर लगने वाले बल पर निर्भर करती है।
- यदि वस्तु की गति वक्रीय है तो उस पर कार्यरत बलों में से जिस बल के दिशा उसके केंद्र की ओर होगी या केंद्र की ओर काम करेगा , उस अभिकेंद्रिय बल (Centripetal Force In Hindi ) कहेंगे।
- इस बल के अभाव में वक्रीय गति संभव नहीं है। अभिकेन्द्रीय बल का शाब्दिक अर्थ है “केंद्र की तलाश करना।” अर्थात अभिकेन्द्रीय बल वह बल है जो वृत्ताकार पथ के केंद्र की ओर कार्य करता है।
- अभिकेन्द्र बल की इकाई न्यूटन है।
- यह बल हमेशा वस्तु के विस्थापन की दिशा के लंबवत कार्य करता है।
- न्यूटन के गति के दूसरे नियम का उपयोग से, यह पाया गया है कि वृत्ताकार पथ पर गतिमान वस्तु का अभिकेन्द्रीय बल हमेशा वृत्त के केंद्र की ओर कार्य करेगा।
अभिकेन्द्रीय बल की गणना
अभिकेन्द्रीय बल का सूत्र द्रव्यमान (m) और स्पर्शीय वेग (v) के वर्ग के गुणनफल के रूप में दिया जाता है, जिसे त्रिज्या (r) से विभाजित किया जाता है, गणितीय रूप से इसे इस प्रकार लिखा जाता है:
Fc = mv2/r
= mrv2/r2
हम जानते हैं v/r = ω (कोणीय वेग)
Fc = mr(ω)²
जहाँ, Fc अभिकेन्द्रीय बल है, m वस्तु का द्रव्यमान है, v वस्तु की गति या वेग है और r त्रिज्या, ω कोणीय वेग है।
अभिकेन्द्रीय बल के उदाहरण
किसी वस्तु पर लगने वाला अभिकेन्द्रीय बल उस वस्तु को वृत्त के केन्द्र की ओर खींचता या धकेलता है, जिससे वृत्ताकार गति उत्पन्न होती है।
- जब किसी गेंद को धागे पर घुमाया जाता है, तो रस्सी पर लगने वाला तनाव बल वस्तु को केंद्र की ओर खींचता है।
- कार को मोड़ते समय जमीन और पहियों के बीच घर्षण बल द्वारा अभिकेन्द्रीय बल प्रदान किया जाता है।
- सूर्य के चारों ओर परिक्रमा करने वाले ग्रहों के लिए गुरुत्वाकर्षण द्वारा, अभिकेन्द्रीय बल प्रदान किया जाता है।
- इलेक्टोन नाभिक के चारों ओर अभिके्न्दीय बल के कारण चक्कर लगाते है !
अपकेन्द्रीय बल (Centrifugal Force In Hindi )
- अपकेन्द्रीय बल वह बल होता है जिसके कारण किसी गतिशील वस्तु में, उसके घूर्णन केंद्र से दूर भागने की प्रवृत्ति होती है।
- यह एक आभासी बल होता है। जो अभिकेन्द्रीय बल के समान होता है, लेकिन यह इसके विपरीत दिशा में कार्य करता है।
- यह एक कल्पित बल (fictitious force) है, जो वृत्तीय गति करती हुई वस्तुओं के केन्द्र से दूर त्रिज्या की दिशा में होता हुआ प्रतीत होता है।
- न्यूटन के नियमों को अजड़त्वीय फ्रेम में लागू करने के लिए कुछ ऐसे बलों की कल्पना करनी होती है। जिन्हें परिवेश में किसी पिंड से संबंधित नहीं किया जा सकता। यह बल जड़त्व बल कहलाते हैं। अपकेंद्रीय बल एक ऐसा ही बल है। इसकी इकाई न्यूटन है।
अपकेन्द्रीय बल की गणना
अपकेन्द्रीय बल मूलतः अभिकेन्द्रीय बल सूत्र का उपयोग करता है, तथा अपकेन्द्रीय बल का वर्णन करने के लिए अभिकेन्द्रीय बल की दिशा को उलट देता है।
Fc = -mv2/r
जहाँ, F अपकेन्द्रीय बल है, m वस्तु का द्रव्यमान है, v वस्तु की गति या वेग है और r त्रिज्या है।
अपकेन्द्रीय बल के उदाहरण
अपकेन्द्रीय बल के कुछ उदाहरण नीचे दिए गए हैं।
- कपड़ा सुखाने की मशीन
- दूध से मक्खन निकालने की मशीन
- एक बाइक मोड़ लेती हुई।
Physics Notes In Hindi – UPSC / PCS / SSC / RRB etc
Chapter -1- भौतिक विज्ञान – परिभाषा , शाखाएं , महत्त्व
Chapter -2- भौतिक विज्ञान और सम्बंधित शब्दावली
Chapter -3- गति :- परिभाषा ,प्रकार और न्यूटन के गति के नियम
Chapter -4- न्यूटन के गति नियम
Chapter -5 – बल की परिभाषा , प्रकार और प्रभाव
Chapter -6 – प्रकाश का तरंग सिद्धांत |
Chapter -7 – चाल तथा वेग
Chapter -8 – दूरी एवं विस्थापन