NDMA Guidelines for Crowd Management UPSC In Hindi
देश भर में सालभर अनेक ऐसे आयोजन होते है , जिसमें एक साथ लोगों की व्यापक संख्या एकत्रित होती हैं।
ऐसे आयोजनों में अनेक कारणों जैसे कि अपर्याप्त व्यवस्था, अफ़वाह , अचानक कोई संकट आना आदि से भगदड़ मच जाती हैं। जिसमे बड़े स्तर पर जान-माल की हानि होती हैं।
ऐसी स्थिति केवल भारत में ही नहीं बल्कि वैश्विक स्तर पर देखने को मिलती हैं।
इस प्रकार से उत्पन्न होने वाली आपदाओं को मानव निर्मित आपदाओं में रखा जाता हैं।
मानव निर्मित आपदाओं में भीड़भाड़ वाले स्थलों पर होने वाली भगदड़ या अन्य आपदाओं से भारत में अनेक व्यक्तियों की मृत्यु हो जाती है और अनेक व्यक्ति घायल हो जाते हैं।
एनडीएमए ने भीड़ आपदाओं के लिए उत्तरदायी प्रमुख 6 कारणों को रेखांकित किया है।
1. संरचनात्मक कारण
कार्यक्रम स्थलों पर आधारभूत संरचना या समुचित व्यवस्थाओं का न होना जैसे कि बैरिकेट्स एवं फेसिंग की पर्याप्त व्यवस्था न होना, आवश्यक अस्थाई संरचनाएं न होना , अपर्याप्त निकास व्यवस्था , जटिल स्थितियों वाला इलाका या फिसलन या कीचड़ युक्त सड़के आदि।
2. अग्नि या विद्युत
अग्नि या विद्युत से संबंधित कामों में जैसे की दुकानों में खाना पकाने या अन्य क्रियाकलापों में उपयोग होने वाली ज्वलनशील सामग्री के उपयोग में लापरवाही से भी अनेक ऐसी घटनाएं घटित होती हैं ।
आयोजन स्थलों पर आग बुझाने वाली मशीन या व्यवस्था का ना होना।
अवैध बिजली कनेक्शन का प्रयोग करना जिसमें उचित दिशा निर्देशों का पालन नहीं किया जाता है।
3. भीड़ नियंत्रण
कार्यक्रम स्थल पर स्थल की क्षमता से अधिक भीड़ इकट्ठा कर लेना। आयोजकों का खराब प्रबंधन , भीड़ स्थल पर पर्याप्त आपातकालीन निकास व्यवस्था का न होना, भीड़ स्थल पर आपातकालीन समस्याओं के साथ प्रभावी रूप से निपटने के लिए उपलब्ध सिस्टम या कार्य प्रणालियों का ना होना।
4. भीड़ के द्वारा किया जाने वाला व्यवहार
अनेक घटनाओं में यह देखा गया है कि घटना इसलिए व्यापक रूप से घटित होती है कि भीड़ के द्वारा किया जाने वाला व्यवहार भी उचित नहीं होता है।
जिसमें भीड़ के द्वारा किया जाने वाले व्यवहार से संबंधित अनेक अनुचित मुद्दों को देखा जा सकता है । जिसमें लोगों के द्वारा अनियंत्रित गैर जिम्मेदाराना और उग्र प्रतिक्रिया भी शामिल हैं। जिससे यह प्रतिक्रिया आपातकालीन स्थिति में परिवर्तित हो जाती है और एक बड़े हादसे को जन्म देती हैं।
5. हित धारको के बीच समन्वय का अभाव
समारोह का आयोजन करने वाली एजेंसियों व संबंधित अधिकारियों के मध्य समन्वय का अभाव भी भीड़ आपदाओं को आमंत्रित करता है।
6. सुरक्षा
सुरक्षा के लिए उचित प्रणालियों और व्यवस्थाओं का ना होना भी एक बड़ी आपदा को आमंत्रित करता है। भीड़ को उचित रूप से नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त मात्रा में सुरक्षाकर्मियों की तैनाती न होना सुरक्षा व्यवस्था की योजना में खामियां मौजूद होना भी ऐसी कमियां है।
एनडीएमए ने भीड़ प्रबंधन पर में कुछ दिशा निर्देश दिए हैं। NDMA Guidelines for Crowd Management In Hindi | NDMA Guidelines UPSC Hindi
1 भीड़ से निपटना
जिस स्थल पर भीड़ एकत्रित होती है उस स्थल के आसपास ट्रैफिक नियमों को पालन करना अति आवश्यक है तथा भीड़ के चारों ओर वाहनों की गतिविधियों को नियंत्रित किया जाना चाहिए।
भीड़ स्थल पर आपातकालीन निकास व्यवस्था उपलब्ध होनी चाहिए तथा वह एक रूट मैप के साथ प्रदर्शित की जानी चाहिए।
भीड़ को नियंत्रित करने के लिए समुचित बैरिकेट की व्यवस्था होनी अति आवश्यक है।
अधिक भीड़ वाली लाइनों में स्नेक लाइन अप्रोच या स्नेक लाइन दृष्टिकोण का पालन किया जाना चाहिए।
भीड़ वाले स्थल पर सामान्य प्रवेश को प्रतिबंधित किया जाना चाहिए और यह काम आयोजकों या प्रबंधकों द्वारा किया जाना चाहिए।
वीआईपी आगंतुकों के लिए विशेष योजनाएं होनी चाहिए।
जब भी वीआईपी आगंतुकों के प्रबंधन के साथ सुरक्षा चिंताएं जुड़ी हो तब ऐसे स्थानों पर इन्हें भी प्रवेश से रोका जा सकता है जिससे कोई अनहोनी ना हो पाएं।।
2. आयोजन स्थल को समझना
समारोह स्थल में मार्गो को समझना भीड़ प्रबंधन के लिए प्रमुख घटक है। इसमें घटना की प्रकार की समझ , अपेक्षित भीड़ की समझ भीड़ के उद्देश्य , स्थान की समुचित समझ , तथा अन्य हितधारकों की भूमिका के प्रति समझ।
3. संचार
भीड़ के साथ समय-समय पर संवाद करने के लिए सभी भीड़भाड़ वाले स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे की निगरानी के साथ-साथ सार्वजनकि संबोधन प्रणाली जैसे कि लाउडस्पीकर की व्यवस्था भी होनी चाहिए।
4. चिकित्सा सुविधाएं
आयोजन स्थलों पर किसी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए स्थलों पर एंबुलेंस और स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर उपलब्ध होने चाहिए।
एनडीएमए ने आपदा के बाद की आपात स्थितियों से सही तरह से निपटने के लिए प्राथमिक चिकित्सा कक्ष और आपातकालीन संचालन केंद्र स्थापित किए जाने की सिफारिश की है।
5. कार्यक्रम आयोजक या समारोह प्रबंधको की भूमिका
कार्यक्रम के आयोजकों और आयोजन प्रबंधकों को स्थानीय प्रशासन और पुलिस के साथ समन्वय करते हुए आपदा प्रबंधन योजना तैयार करनी चाहिए तथा समीक्षा , संशोधन और कार्यान्वयन के लिए स्वस्थ चर्चा करनी चाहिए।
इससे यह सुनिश्चित हो सकेगा कि सभी आवश्यक सुविधाएं जैसे चिकित्सा आपातकालीन सुविधाएं, परिवहन आदि सुरक्षा मानकों के अनुसार है।
6. नागरिक समाज की भूमिका
आयोजन के प्रबंधन, यातायात नियंत्रण, चिकित्सा सहायता , स्थानीय संसाधनों को जुटाने में गैर सरकारी संगठनों और नागरिक समाज को शामिल किया जा सकता है।
7. प्रशासन या पुलिस की भूमिका –
प्रशासन या पुलिस को समारोह स्थल का मूल्यांकन तो करना ही चाहिए साथ ही साथ सतर्कता से तैयारियों का जायजा भी लेना चाहिए और भीड़ नियंत्रण व यातायात नियंत्रण तथा परिचालन को सुनिश्चित करने के लिए उचित कदम उठाने चाहिए।
8. क्षमता निर्माण-
यदि अपर्याप्त सुरक्षाकर्मियों का मुद्दा हैं तो छात्रों को , गैर सरकारी संगठनों और नागरिक समाज को इसमें शामिल किया जा सकता है। इसके साथ ही मीडिया को भीड़ आपदाओं के दौरान संचार का प्रबंधन करने के लिए प्रशिक्षित किया जाना चाहिए।
क्षमता निर्माण, मॉक अभ्यास , सुरक्षा कर्मियों के प्रशिक्षण, भीड़ प्रबंधन तकनीक को शुरू करने के लिए समय-समय पर आवधिक मूल्यांकन होना चाहिए।
9. बचाओ और सुरक्षा
कार्यक्रम आयोजकों को सुरक्षा दिशा निर्देशों के अनुसार बिजली , अग्निशमन और अन्य आवश्यक जरूरतों या व्यवस्थाओं का उपयोग सुनिश्चित करना चाहिए ।
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