ड्रोन क्या हैं ? ड्रोन से सम्बंधित विनियमन / ड्रोन का प्रयोग | Drone Regulations in India in hindi
Drone Regulations in India
ड्रोन का प्रयोग अनेक क्षेत्रों में आम होता जा रहा हैं। शादी समारोह , स्वास्थ्य सेवाओं , कृषि क्षेत्र आदि में प्रयोग किया जाता हैं। इस लेख में ड्रोन से संबंधित अनेक सवालो जैसे की ड्रोन क्या है (What is Drone System in Hindi ) / ड्रोन का प्रयोग विभिन्न क्षेत्रो में कैसे किया जा सकता है ( Uses of Drone in different fields / ड्रोन के प्रयोग से सम्बंधित खतरे ( Issues related to drone ) / भारत में ड्रोन से सम्बंधित विनियमन ( Drone Regulations in India in hindi )
ड्रोन क्या हैं / What is Drone System :-
मानव रहित विमान के लिए ड्रोन शब्द का प्रयोग किया जाता हैं। ड्रोन मानव रहित विमान प्रणाली के अंतर्गत आता हैं। मानव रहित विमान प्रणाली उस प्रणाली के अंतर्गत हैं, जिसमें विमान या उससे संबंधित अन्य घटक किसी विमान चालक के बिना चलते हैं।
ड्रोन का वर्गीकरण / Types of Drone
ड्रोन को वजन के आधार पर 5 श्रेणियों में विभाजित किया गया हैं।
नैनो – 250 ग्राम से कम
माइक्रो – 250 ग्राम से 2 किलोग्राम तक
स्मॉल – 2 किलोग्राम से 25 किलोग्राम तक
मीडियम – 25 किलोग्राम से 150 किलोग्राम तक
लार्ज – 150 किलोग्राम से अधिक
ड्रोन तकनीक का प्रयोग अनेक क्षेत्रों में सकारात्मक रूप में किया जा रहा है-
स्वास्थ्य क्षेत्र में ड्रोन का प्रयोग / Uses of Drone In Medical Field –
ड्रोन के प्रयोग से स्वास्थ्य क्षेत्र में सुविधाओं को जन तक पहुंचाने में सहायता प्राप्त हो सकती हैं। इसका सबसे बड़ा उदाहरण हाल ही में नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने तेलंगाना सरकार के सहयोग से दुर्गम तथा दूर दराज क्षेत्रों में टीके पहुंचाने के लिए ड्रोन तकनीक के उपयोग से संबंधित एक परियोजना को मंजूरी दी हैं।
भविष्य में ड्रोन के माध्यम से स्वास्थ्य संबंधी उपकरणों, दवाइयों को बिना किसी ट्रैफिक में उलझे एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाया जा सकता है। जिससे स्वास्थ्य क्षेत्र में होने वाली अनेक दुर्घटनाओं को कम किया जा सकता है।
कृषि क्षेत्र में ड्रोन का प्रयोग / Uses of Drone In Agriculture –
कृषि क्षेत्र में भी ड्रोन की सहायता से उत्पादकता बढ़ाने, किसानों की सहायता के लिए इस तकनीक का प्रयोग किया जा सकता हैं। ड्रोन की सहायता से कृषि क्षेत्र में सूक्ष्म पोषक तत्वों का छिड़काव सरलता से किया जा सकता हैं। वही ड्रोन के माध्यम से फसलों की देखभाल और सरकार भी ड्रोन के माध्यम से कृषि क्षेत्र का सर्वेक्षण कराकर अनुकूल नीतियों का निर्माण कर सकती हैं।
रेलवे क्षेत्र में ड्रोन का प्रयोग / Uses of Drone In Railway Field –
रेलवे क्षेत्र में ड्रोन का उपयोग निगरानी के लिए किया जा सकता हैं। रेलवे ट्रैक निगरानी के लिए ड्रोन का प्रयोग किया जा सकता हैं। जिससे भारत में होने वाली अत्यधिक रेल दुर्घटनाओं को रोका जा सकता हैं।
टेलीकॉम क्षेत्र में ड्रोन का प्रयोग / Uses of Drone In Telecommunication –
टेलीकॉम कंपनियां टावर की निगरानी के लिए ड्रोन का उपयोग कर रही हैं। जिससे अनावश्यक प्रतिकूल स्थिति उत्पन्न होने से रोका जा सकता है और टेलीकम्युनिकेशन क्षेत्र में सेवा को सुदृढ़ किया जा सकता है।
वन्य जीव संरक्षण में
ड्रोन के माध्यम से वन्य जीव संरक्षण में सहायता मिल सकती है। वन संरक्षण और वन्य जीव संरक्षण में ड्रोन का उपयोग किया जा सकता है।
आपातकालीन स्थिति में
आपातकालीन स्थिति में भी डॉन का उपयोग उत्तम तरह से किया जा सकता है। जैसे कि आग लगने की स्तिथि में ड्रोन का प्रयोग किया जा सकता हैं। अन्य आपातकालीन स्थिति ड्रोन महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। जैसे कि बाढ़ आदि में ड्रोन के माध्यम से खाद्य सामग्री को पहुंचाया जा सकता हैं। स्वास्थ्य सेवाओं को भी आपातकालीन स्तिथि में सरलता से उपलब्ध कराया जा सकता हैं।
यातायात प्रबंधन में भी ड्रोन का उपयोग किया जा सकता हैं।
भारत में ड्रोन से संबंधित विनियमन / Drone Regulations in India in hindi –
ड्रोन का नियमन अत्यंत आवश्यक था क्योंकि भारत में सुरक्षा एजेंसियां द्वारा अनेक संवेदनशील स्थलों पर अव्यवस्था फैलाने के लिए ड्रोन के संभावित उपयोग की आशंका बार-बार व्यक्त की जा चुकी है। तथा अनेक बार यह देखा गया है कि पंजाब की सीमा पर ड्रोन के माध्यम से हत्यारों व मादक पदार्थों को पहुंचाने के लिए भी ड्रोन का इस्तेमाल किया गया है।
ड्रोन के लिए विशिष्ट पहचान संख्या ( Drone Regulations in India )
प्रत्येक ड्रोन के पास स्थान ,ऊंचाई, गति तथा अन्य तथ्यों से संबंधित एक विशिष्ट पहचान संख्या होना अत्यंत आवश्यक है। यदि किसी ड्रोन के पास विशिष्ट पहचान संख्या या विशिष्ट आईडी नंबर नहीं है। तो वह ड्रोन दुष्ट ड्रोन की श्रेणी में आएगा। जिस प्रकार आधार नंबर प्रत्येक नागरिक को मुहैया कराया जा रहा है। उसी प्रकार विशिष्ट पहचान संख्या प्रत्येक ग्राम पनारी को मैया कराई जाएगी।
प्रक्रिया का सरलीकरण
पहले 25 फॉर्म भरे जाते थे वहीं अब केवल 5 फॉर्म भरने होते हैं।
लाइसेंस के लिए पात्रता
ड्रोन प्रणाली के लाइसेंस प्राप्त करने के लिए न्यूनतम आयु 18 वर्ष तथा अधिकतम आयु 65 वर्ष रखी गई है। किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से दसवीं की परीक्षा या उसके समकक्ष परीक्षा उत्तीर्ण होना आवश्यक है। किसी मान्यता प्राप्त रिमोट पायलट प्रशिक्षण संगठन से जो महानिदेशक द्वारा विनिर्दिष्ट किया गया हो , प्रशिक्षण सफलतापूर्वक पूरा कर चुका हूं ।
भारत के संपूर्ण हवाई क्षेत्र को भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में विभाजित किया गया है। जैसे कि लाल, पीले और हरे क्षेत्रों में विभाजित किया गया है।
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