The Formation of the First Cabinet of Independent India in Hindi

First Cabinet of Independent India in Hindi

  • इससे पहले हमने अंतरिम सरकार के गठन के विषय में पढ़ा था। अंतरिम सरकार का गठन 2 सितम्बर 1946 को किया गया।  और जो 15 अगस्त 1947 तक अस्तित्व में बनी रही थी।
  • वही भारत को जब 15 अगस्त, 1947  को स्वतंत्रता प्राप्त हुई तो उसके स्वतंत्र भारत की पहली कैबिनेट टीम ( First Cabinet of Independent India in Hindi ) भी गठित कर दी गयी।
  • स्वतंत्र भारत की पहली कैबिनेट में 14 मंत्रियों को शामिल किया गया था।
  • पंडित जवाहरलाल नेहरू ने प्रधानमंत्री पद का दायित्व तो लिया ही साथ ही विदेश मामलों और वैज्ञानिक अनुसंधान का अतिरिक्त प्रभार भी संभाला।

स्वतंत्र भारत की पहली कैबिनेट में निम्न सदस्य मंत्री ( First Cabinet of Independent India in Hindi ) बने –

  • जवाहरलाल नेहरू
  • सरदार वल्लभभाई पटेल
  • डॉ. राजेंद्र प्रसाद
  • मौलाना अबुल कलाम आजाद
  • डॉ. जॉन मथाई
  • आर.के. षणमुगम शेट्टी
  • डॉ. बी.आर. अंबेडकर
  • जगजीवन राम
  • सरदार बलदेव सिंह
  • राजकुमारी अमृत कौर
  • सी.एच. भाभा
  • रफी अहमद किदवई
  • डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी
  • वी.एन. गाडगिल

स्वतंत्र भारत की पहली कैबिनेट ( First Cabinet of Independent India in Hindi ) में किस सदस्य को कौनसा पद प्राप्त हुआ –

क्रम संख्या सदस्य धारित विभाग
1 जवाहरलाल नेहरू प्रधानमंत्री; राष्ट्रमंडल तथा विदेशी मामले; वैज्ञानिक शोध
2 सरदार वल्लभभाई पटेल गृह, सूचना एवं प्रसारण, राज्यों के मामले
3 डॉ. राजेंद्र प्रसाद खाद्य एवं कृषि
4 मौलाना अबुल कलाम आजाद शिक्षा
5 डॉ. जॉन मथाई रेलवे एवं परिवहन
6 आर.के. षणमुगम शेट्टी वित्त
7 डॉ. बी.आर. अंबेडकर विधि
8 सी.एच. भाभा वाणिज्य
9 डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी उद्योग एवं आपूर्ति
10 जगजीवन राम श्रम
11 राजकुमारी अमृत कौर स्वास्थ्य
12 रफी अहमद किदवई संचार
13 सरदार बलदेव सिंह रक्षा
14 वी.एन. गाडगिल कार्य, खान एवं ऊर्जा

 

 

 

अन्य तथ्य –

स्वतंत्र भारत की पहली महिला कैबिनेट मंत्री ( bharat ki pahli cabinet mantri ) – 

इस प्रकार देखे तो  राजकुमारी अमृतकौर देश की पहली महिला कैबिनेट मंत्री ( bharat ki pahli cabinet mantri ) थीं। राजकुमारी अमृतकौर कपूरथला के राजा हरनाम सिंह की पुत्री थी।   स्वतंत्र भारत की पहली सरकार में राजकुमारी अमृतकौर ने  स्वास्थ्य मंत्रालय संभाला था। बाद में वह 1964 तक राज्यसभा सदस्य भी रहीं।

 

 

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