Force-Definition,Types and Effects In Hindi
बल की परिभाषा ( Force In Hindi / Bal ki Paribhasha / Bal in hindi ) :-
- बल एक बाहरी कारक है जो किसी वस्तु की अवस्था, आकार या आकृति को बदलता है या बदलने का प्रयास करता है।
- बल एक सदिश राशि हैं। बल में परिमाण और दिशा दोनों होते हैं।
- न्यूटन की गति के दूसरे नियम के अनुसार, बल संवेग परिवर्तन की दर के अनुपाती है। F = ma
- बल की इकाई – न्यूटन है, जिसे ( kg-m / sec 2 ) किलोग्राम मीटर /सेकंड 2 में भी प्रदर्शित किया जाता है।
- बल की विमा → M1L1T–2 है |
- 1 N = 1 किलोग्राम मीटर/सेकंड2
बल की इकाई (Unit of force ):-
- ” सेंटीमीटर ग्राम सेकंड इकाई प्रणाली (CGS ) में बल को डाइन में व्यक्त किया जाता है।
- ” मानक अंतर्राष्ट्रीय इकाई प्रणाली (S.I.) में इसे न्यूटन में व्यक्त किया जाता है ।
बलों का प्रकार( Type of Force in Hindi) ( Force-Definition,Types and Effects In Hindi ) :-
बलों को मुख्य रूप से दो वर्गों में विभाजित किया गया है:
- संपर्क बल और
- गैर-संपर्क बल।
उनका विवरण इस प्रकार है-
1: संपर्क बल (Contact forces in Hindi ):
संपर्क बल ऐसे बल हैं जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से किसी माध्यम या अन्य किसी माध्यम से संबंधित वस्तु पर आरोपित होते हैं। सरल भाषा में समझें तो जो बल किसी वस्तु के संपर्क में आने पर लगता हैं या लगाया जाता है उन्हें संपर्क बल कहते हैं।
उदाहरण के तौर पर
- जब किसी मेज पर कोई पुस्तक रखी हो तो इनके बीच संपर्क बल कार्य करेगा।
- किसी गाड़ी और सड़क की सतह के बीच संपर्क बल ही कार्य करता हैं।
संपर्क बलों के प्रमुख उदाहरण हैं-
a)- घर्षण बल (Friction Force in Hindi ):-
- घर्षण वह बल है जो एक वस्तु की सतह का दूसरी वस्तु की सतह के संपर्क में आने पर गति का प्रतिरोध करता है।
- किसी सतह द्वारा लगाया गया बल जो उस सतह पर किसी गतिशील वस्तु या व्यक्ति की गति का विरोध करता है, घर्षण बल कहलाता है।
- उदाहरण- गतिमान बस या कार पर रोड द्वार एक बल लगया जाता है वह घर्षण बल का ही उदाहरण है।
b)- तनाव बाल (Tension Force in Hindi ):- किसी धागे , तार आदि के दोनों सिरों पर विपरीत दिशा में खींचने पर जो लगता है उसी को तनाव को बल कहा जाता है।
c)- स्प्रिंग बल ( Spring Force in Hindi ):- किसी संपीड़ित या खिंचे हुए स्प्रिंग द्वारा उससे संलग्न वस्तु पर लागू बल स्प्रिंग बल कहा जाता है|
d)- अध्यारोपित बल (Applied Force in Hindi ):– अध्यारोपित बल वह बल है जो एक वस्तु अथवा व्यक्ति द्वारा एक या अधिक अन्य वस्तुओं पर लगाया जाता है। अध्यारोपित बल किसी वस्तु की आराम की स्थिति या गति की स्थिति, वस्तु की गति की दिशा या वस्तु के आकर को बदल सकते है।
उदाहरण – एक व्यक्ति एक मेज को धक्का देकर दूसरी जगह रख देता है।
2: गैर संपर्क बल (Non Cantact Forces in Hindi )-
जब कोई एक पिंड किसी अन्य पिंड के सीधे संपर्क में आए बिना, उस पर बल लगाता है या आरोपित करता हैं तो उसे गैर संपर्क बल कहा जाता हैं।
a)-चुंबकीय बल ( Magnetic Force in Hindi ):-
- चुंबकीय बल, आकर्षण या प्रतिकर्षण के रूप में विद्युत आवेशित कणों के बीच उनकी गति के कारण उत्पन्न होता है। मतलब कि विद्युत आवेशित कणों के बीच कार्य करने वाले आकर्षण या प्रतिकर्षण बल को चुंबकीय बल कहा जाता है।
- समान आवेश वाले कण एक दूसरे को प्रतिकर्षित करते हैं।
- जबकि विपरीत आवेश वाले कण एक दूसरे को आकर्षित करते हैं।
उदाहरण- चुंबक के समान सिरों का एक दूसरे को दूर हटाना एवं विपरीत सिरों का एक दूसरे के पास आना|
b)- गुरुत्वाकर्षण बल ( Gravitational force in Hindi ):-
- द्रव्यमान वाले सभी पिंडों के बीच कार्य करने वाले सार्वभौमिक आकर्षण बल को गुरुत्वाकर्षण बल के रूप में जाना जाता है।
- गुरुत्वाकर्षण बल , एक आकर्षक बल है जो द्रव्यमान वाले सभी पिंडों के बीच कार्य करता है।
- सूर्य के गुरुत्वाकर्षण बल के कारण ही सौर मंडल के सभी ग्रह सूर्य के चारों ओर निश्चित कक्षाओं में चक्कर लगाते हैं।
- पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण के कारण पृथ्वी से ऊपर की ओर उछाली गई वस्तु एक निश्चित ऊँचाई तक पहुँचने के बाद पुनः पृथ्वी पर वापस आ जाती है।
- न्यूटन का गुरुत्वाकर्षण का सार्वभौमिक नियम, किन्हीं दो पिंडों के बीच आकर्षण बल उनके द्रव्यमान के गुणनफल के समानुपाती होता है और उनके बीच की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है।
- F दो पिंडों के बीच लगने वाला गुरुत्वाकर्षण बल है
- m1 पहले पिंड का द्रव्यमान है
- m2 दूसरे पिंड का द्रव्यमान है
- r दो पिंडों के केंद्रों के बीच की दूरी है
- जहाँ G गुरुत्वाकर्षण स्थिरांक है
c)- स्थिरवैद्युत बल (Electrostatic Force in Hindi ) :-
- दो स्थिर विद्युत आवेशित समता वाले पिंडो के मध्य लगने वाले बल को स्थिरवैद्युत बल या इलेक्ट्रोस्टैटिक बल या कूलम्ब बल कहा जाता है।
- इलेक्ट्रोस्टैटिक बल विद्युत आवेश कणों के कारण उत्पन्न होने वाला एक आकर्षक और प्रतिकारक बल है
उदाहरण-
- किसी पैकेज से प्लास्टिक रैप को निकालने के बाद वह आपके हाथ की ओर आकर्षित होता है।
- आवेशित पैमाने या स्केल के प्रति कागज का आकर्षण।
- फोटोकॉपियर और लेजर प्रिंटर संचालन।
d)- नाभिकीय बल ( Nuclear Force in Hindi ):-
- वह बल है जो नाभिक में प्रोटॉन और न्यूट्रॉन को एक साथ बांधता है , परमाणु बल कहलाता हैं। यह बल प्रोटॉन और प्रोटॉन, न्यूट्रॉन और प्रोटॉन या न्यूट्रॉन और न्यूट्रॉन के बीच मौजूद हो सकता है।
- नाभिक में उपस्थित कणों को नाभिक में ही बाँधे रखने के लिए आवश्यक बल को नाभिकीय बल कहा जाता है।
- नाभिकीय बल प्राकृतिक बलों से प्रबल होते हैं, लेकिन इनकी परास (Range) सबसे कम (10–15 मीटर / फर्मी कोटि) होती है।
प्राकृतिक बलों की परास (Range of Forces in Hindi) का क्रम –
- गुरुत्वाकर्षण बल > विद्युत चुंबकीय बल > नाभिकीय बल
प्राकृतिक बलों की प्रबलता का क्रम ( Intensity Of Forces in Hindi ) –
- नाभिकीय बल > विद्युत चुंबकीय बल > गुरुत्वाकर्षण बल
बल के प्रभाव (Effect of Force):-
बल के विभिन्न प्रभाव होते हैं-
- बल किसी स्थिर पिंड को गतिशील बना सकता है।
- बल गतिशील पिंड की गति को तीव्र कर सकता है।
- बल किसी गतिशील पिंड को रोक सकता है अथवा धीमा कर सकता है।
- बल किसी गतिशील पिंड के आकार और आकृति के साथ-साथ उसकी दिशा भी बदल सकता है।
Force-Definition,Types and Effects In Hindi
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