भारत की राष्ट्रीय औषधि – गिलोय (GILOY)
NATIONAL MEDICINE OF INDIA – GILOY
गिलोय (GILOY) एक बेल रुपी वनस्पति है, जिसे औषधि के रूप में अमृत्व का वरदान प्राप्त है। गिलोय से आयुर्वेद चिकित्सा में बहुत सी गंभीर बीमारियों का इलाज किया जाता है। होम्योपैथी चिकित्सा में भी बहुत सी दवाइयों में गिलोय का इस्तेमाल किया जाता है। भारत मे राष्ट्रीय औषधि के रुप में गिलोय (GILOY) को प्रमोट किया जा रहा है। भारत सरकार के आयुष मंत्रालय ने तय किया है कि गिलोय के फायदे हर किसी तक पहुँचाए जाए जिससे गिलोय (GILOY) को राष्ट्रीय औषधि के रुप में विश्व में पहचान मिल सके। इसे संस्कृत भाषा में अमृता नाम दिया गया है।
गुजरात के आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय के शोधानुसार जीवन चक्र शोध में मक्खियों पर गिलोय का इस्तेमाल किया गया, जिससे मक्खियों का जीवनकाल 30 दिन से बढ़कर 85 दिन का हो गया। इस शोध को Netherlands के एक Health journal मे़ प्रकाशित किया गया।
इसका वानस्पिक नाम (Botanical name) टीनोस्पोरा कॉर्डीफोलिया (Tinospora cordifolia) है। इसके पत्ते पान के पत्ते जैसे दिखाई देते हैं। इसके बहुत सारे लाभ आयुर्वेद में बताए गए हैं, जो न केवल आपको सेहतमंद रखते हैं, बल्कि आपकी सुंदरता को भी निखारते हैं। गिलोय को बहुत कम लोग जानते है, वर्तमान समय में कोरोना महामारी में गिलोय (GILOY) को एक अलग सी पहचान मिल गई है। गिलोय को गुणों का भंडार कहा जाता है, मुख्य रूप से गिलोय इम्यून सिस्टम को बेहतर बनाता है। गिलोय में एंटी-एलर्जिक (ANTI-ALLERGIC), एंटी-इंफ्लेमेटरी (ANTI-INFLAMMATORY), एंटी-ऑक्सीडेंट (ANTI-OXIDANT), एंटी-डायबिटिक (ANTI-DIABETIC) तत्व मौजूद होते है। गिलोय मानव शरीर के हर अंग हेतु एक लाभकारी औषधि है।
-: गिलोय (GILOY) के फायदे :-
-: BENEFITS OF GILOY :-
(1). गिलोय का उपयोग दैनिक जीवन में करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता (immune system) का विकास होता है। गिलोय के नियमित उपयोग से रोग प्रतिरोधक क्षमता के साथ-साथ इसमें उपस्थित एंटीऑक्सीडेंट्स के कारण शरीर को मजबूती मिलती है। गिलोय के सेवन से रक्त (blood) की अच्छे से सफाई हो जाती है, जिससे किसी भी प्रकार की बीमारी से बचा जा सकता है।
(2). बुखार की समस्या में गिलोय का सेवन करने से बुखार टूट जाता है, बुखार में गिलोय का सेवन बहुत लाभकारी मन जाता है, इसी कारण आज वर्तमान समय में कोरोना महामारी में गिलोय की उपयोगिता बहुत ज्यादा बढ़ गयी है। डेंगू के मरीजों लिए गिलोय बहुत ही उपयोगी औषधि है जिसे डेंगू के अलावा मलेरिया, स्वाइन फ्लू में होने वाले बुखार में बहुत उपयोगी माना गया है।
(3). गिलोय का उपयोग डॉयबिटीज के मरीजों के लिए बहुत ही कारगर है। इससे शरीर में इन्सुलिन हार्मोन बनने में मदद मिलती है जिससे शुगर लेवल कंट्रोल रहता है। गिलोय के नियमित इस्तेमाल से डॉयबिटीज़ की समस्या को बिलकुल कम किया जा सकता है। गिलोय टाइप 2 डॉयबिटीज पीड़ित मरीज के शुगर लेवल को कंट्रोल करने में सहायक है।
(4). गिलोय का नियमित सेवन पाचन तंत्र को मजबूत बनता है, जिससे व्यक्ति पेट में होने वाली बीमारियों एवं व्याधियों से सुरक्षित रहता है।
(5). वर्तमान समय एवं कोरोना महामारी में तनाव या स्ट्रेस एक बड़ी समस्या बन चुका है। गिलोय कोरोना महामारी में उत्पन्न मानसिक तनाव को कम करता है। इसके उपयोग से दिमाग फुर्तीला होता है जिससे याददास्त तेज होती है।
(6). गिलोय के रस के इस्तेमाल से आँखों की रोशनी तेज होती है।
(7). अस्थमा के मरीजों के लिए भी गिलोय बहुत उपयोगी औषधि है, गिलोय का जूस पीने से अस्थमा के मरीजों को समस्या उतनी नहीं होती।
(8). गिलोय के नियमित इस्तेमाल से गठिया – बात जैसी जोड़ों के दर्द की परेशानियों में आराम मिलता है।
(9). गिलोय एनीमिया (खून की कमी), मोटापा आदि परेशानियों को भी काम करने में कारगर है। इसके सेवन से इन परेशानियो से काफी हद तक छुटकारा मिलता है।
(10).गिलोय न केवल स्वास्थ्य किन्तु त्वचा(skin) एवं बालों के लिए भी अत्यंत लाभकारी है। इसके इस्तेमाल से बालों की समस्याओं जैसे- बाल टूटना, गंजापन आदि से छुटकारा मिलता है और त्वचा सम्बन्धी बीमारियों का खात्मा होता है।
गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को गिलोय के सेवन से बचना चाहिए। छोटे बच्चों को भी इसका सेवन नहीं कराना चाहिए।
औषधि का रूप अमृत “गिलोय” हर विपदा का समाधान है। गिलोय को बीमार व्यक्ति के अलावा स्वस्थ व्यक्ति भी ले सकता है। गुणों का भंडार होने के कारण देश का आयुष विभाग गिलोय को राष्ट्रीय औषधि के रुप में इसकी पहचान बनाने की दिशा में कार्य कर रहा है। गिलोय को उगाने और उपयोग करने हेतु भी जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है।
गुणों का भंडार कहे जाने वाले गिलोय में बीमार को स्वस्थ बनाने और स्वस्थ को और स्वस्थ बनाने के गुण है। गिलोय की बेल आसानी से उगाई जा सकती है। इतनी गुणकारी एवं लाभकारी वनस्पति रूपी औषधि को हम सभी को अपने घर में अवश्य लगाना चाहिए, जिसके नियमित सेवन से रोग-व्याधियां सभी दूर हो जाती है।
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