युवा भारत का दिल इतना कमजोर क्यों ? Why the Heart of young India is so weak ? Heart Attack Problem
Heart Attack Problem
व्यक्ति के शरीर का सबसे अहम हिस्सा है उसका दिल (Heart)। एक समय था जब दिल का दौरा या दिल से जुड़ी बीमारियों को उम्र के साथ जोड़कर देखा जाता था। सामान्यतः दिल का दौरा (Heart Attack) या दिल से जुड़ी अन्य बीमारियां (Heart Attack Problem) एक उम्र के बाद ही आती थी। लेकिन अब समय बदल गया है, अब दिल की समस्याएं कम उम्र के लोगों में ज्यादा देखने को मिल रही हैं।
आज इस लेख के माध्यम से हम बात करेंगे की दिल की बीमारियां या दिल का दौरा (Heart Attack Problem) युवा उम्र के लोगो में देखने को क्यों ज्यादा मिल रहा है? Heart Attack Problem In Indian Youths in Hindi, दिल की बीमारियों के प्रमुख कारण क्या है ? (Main Reasons of Heart Disease), और किस तरह से हम अपने दिल को मजबूत रखे।
भारत के युवाओं में क्यों बढ़ रहा हैं Heart Attack का ख़तरा। Why the risk of Heart Attack is increasing among the youth of India ? Heart Attack Problem In Indian Youths in Hindi
कम उम्र में हार्ट अटैक के मामलों में भारत प्रतिदिन आगे बढ़ता जा रहा है। अमेरिका के एक रिसर्च जनरल में छपे लेख के मुताबिक 2015 तक भारत में 6.५ करोड़ लोगों को दिल की बीमारियां हुई, इनमें से अधिकतर लोगों की उम्र 40 वर्ष से कम की थी।
भारत के लिए आंकड़े अपने आप में चौकाने वाले है। जानकार बताते हैं कि पूरी दुनिया में केवल भारत में यह आंकड़े सबसे तेजी से बढ़ रहे हैं। healthdata.org के मुताबिक प्रीमेच्योर डेथ यानी अकाल मृत्यु के कारणों में 2005 में दिल की बीमारी तीसरे नंबर पर थी लेकिन 2016 में यह बीमारी अकाल मृत्यु का प्रमुख कारण बन गई है।
10 साल पहले तक दिल की बीमारी को अक्सर बुजुर्गों से जोड़कर देखा जाता था, लेकिन पिछले एक दशक में दिल से जुड़ी बीमारियों के आंकड़े कुछ और ही कहानी बयां कर रहे हैं। जानकारों के अनुसार देश की भावी पीढ़ी या कहे भारत के युवाओं का दिल कमजोर हो गया है।
जानकारों के मुताबिक कमजोर दिल का कारण नए ज़माने की जीवन शैली है। वर्तमान में देश के युवाओं में फैले लाइफस्टाइल डिसऑर्डर (अनियंत्रित जीवनशैली) के पांच कारणों को दिल की बीमारियों का प्रमुख कारण माना गया है। जीवन में तनाव, खाने की गलत आदत, कंप्यूटर इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों पर देर तक काम करना, धूम्रपान, तंबाकू या शराब का सेवन और पर्यावरण का प्रदूषण, यह पांच अहम कारण दिल की बीमारियों से जुड़े माने गए है।
पढ़ने की उम्र में आजकल बच्चों में मानसिक तनाव आम बात है, इतना ही नहीं छात्रों के जीवन में खाने का गलत समय और पढ़ने के लिए इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का बढ़ता चलन कोई नई बात नहीं है। जानकारों के अनुसार हार्टअटैक का सबसे बड़ा लक्षण माना जाता है सीने में तेज दर्द। देखा जाता है कि जब किसी को दिल का दौरा पड़ता है तो वह अपना सीना जोर से जकड़ लेता है। दर्द के मारे उसकी आंखों में घबराहट सी दिखने लगती है और वह जमीन पर गिर पड़ता है।
हम सभी को लगता है कि दिल का दौरा पड़ने पर ऐसा होता है जैसे हमारे सीने को कुचला जा रहा है। ऐसी अनुभूति होती है, लेकिन हमेशा नहीं। जब दिल पर खून की आपूर्ति नहीं होती है तो दिल का दौरा पड़ता है। आमतौर पर हमारी धमनियों के रास्तों पर किसी प्रकार की रुकावट आने की वजह से खून दिल तक नहीं पहुंच पाता है इसलिए सीने पर तेज दर्द होता है। लेकिन कभी-कभी दिल के दौरे पर दर्द नहीं होता है, इसे साइलेंट हार्ट अटैक कहा जाता है।
healthdata.org के मुताबिक आज की दुनिया में अलग-अलग बीमारियों से होने वाली मौतों में दिल की बीमारी सबसे बड़ी वजह है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के डॉक्टरों के मुताबिक महिलाओं में प्री मेनोपॉज़ के कारण हार्ट की बीमारी नहीं होती। इसके पीछे महिलाओं में पाए जाने वाले हार्मोन्स है, जो उन्हें दिल की बीमारी से बचाते हैं।
लेकिन पिछले कुछ समय में महिलाओं में प्री मेनोपॉज़ वाली उम्र में भी आर्ट अटैक जैसी बीमारियां देखी जाती है जा रही हैं। जानकारों के मुताबिक अगर कोई महिला धूम्रपान करती है या गर्भ निरोधक गोलियों का लंबे समय से इस्तेमाल करती रही है तो, प्राकृतिक रूप से उसके शरीर की हार्टअटैक से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है।
जानकारों के मुताबिक प्री मेनोपॉज़ के 5 साल बाद महिलाओं में भी हार्ट अटैक का खतरा पुरुषों के बराबर ही होता है। कई तरह के शोध हैं जिनमें पाया गया है कि महिलाएं अक्सर सीने में दर्द को नजरअंदाज कर देती है, इसलिए उन्हें इलाज देरी से मिलता है। Heart Attack Problem
हार्ट अटैक से बचने के लिए क्या करें ? What to do to avoid heart attack?
जानकारों के अनुसार हार्ट अटैक (Heart Attack) के खतरे से बचने के लिए आज के युवाओं को अपनी जीवनशैली में बदलाव लाने की सख्त जरूरत है।
जानकारों के मुताबिक योग से यह बदलाव मुमकिन है। योग को हार्टअटैक से बचाव का सबसे प्रभावी एवं अहम तरीकामाना गया है। जानकारों के अनुसार योग से ना सिर्फ तनाव दूर होता है, बल्कि लोग शांतचित्त और ज्यादा एकाग्र होते हैं।
हार्ट अटैक से बचने हेतु ट्रांसफैट (Trans Fat) से बचें। इसके अलावा जानकारों के अनुसार युवाओं को दिल की बीमारी से बचाने के लिए सरकार को भी कुछ मदद नहीं चाहिए। इसपर कि सरकार क्या कर सकती है?
विशेषज्ञों की राय है कि जंक फूड पर सरकार को ज्यादा टैक्स लगाना चाहिए जैसे सरकार तंबाकू और सिगरेट पर लगाती है। जंक फूड पर मोटे अक्षरों पर वार्निंग लिखी होनी चाहिए। सरकार इसके लिए नियम भी बना सकती है।
विशेषज्ञों की मानें तो ऐसा करने से यह समस्या जड़ से खत्म तो नहीं होगी लेकिन लोगों में जागरूकता अवश्य फैलेगी। आजकल यही सुनने में आता है कि हार्टअटैक का सीधा संबंध शरीर के कोलेस्ट्रॉल लेवल से होता है इसलिए अधिक तेल में तला हुआ खाना ना तो बनाये न ही खाये।
जानकार कहते हैं कि कोलेस्ट्रोल से नहीं लेकिन ट्रांस फैट से हार्ट अटैक की दिक्कत ज्यादा आ सकती है। ट्रांसफैट शरीर में अच्छे कोलेस्ट्रोल को कम करता है और बुरे को कोलेस्ट्रोलको बढ़ाता है।
वनस्पति और डालडा ट्रांसफैट के मुख्य स्रोत होते हैं इसलिए इनसे बचना चाहिए। इन तरीकों पर अपनाकर युवा हार्ट अटैक या दिल की बीमारियों से बच सकते हैं।
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