हिंदी साहित्य विगत वर्षों के प्रश्न पत्र :- कबीर | Hindi Literature UPSC PYQ Topic Wise KABIR | Hindi Literature UPSC PYQ KABIR
Hindi Literature UPSC PYQ Topic Wise KABIR
1. “कबीर शास्त्रीय ज्ञान की अपेक्षा अनुभव-ज्ञान को अधिक महत्त्व देते थे।” इस मत की समीक्षा कीजिये। -2000
2. वर्तमान सामाजिक संदर्भों में कबीर के काव्य की प्रासंगिकता पर विचार कीजिये। -2002
3. “सामंती समाज की जड़ता को तोड़ने का जैसा प्रयास कबीर ने किया वैसा प्रयास कोई दूसरा नहीं कर सका। इस कथन के आधार पर कबीर के कृतित्व का सोदाहरण मूल्यांकन कीजिये। 2007
4. “कबीर की भाषा सधुक्कड़ी थी”- इस कथन के औचित्य पर सोदाहरण विचार कीजिये। 2011
5. “कबीर की कविता में प्रेम कंवल संवेदना ही नहीं, अवधारणा के रूप में भी है। वह केवल राम के विरह का ही नहीं, कवि के सामाजिक विवेक का भी प्रतिमान है”- इस कथन की पुष्टि कीजिये। 2012
6. “कबीर जनता के कवि थे और जनता के प्रति उनके हृदय में असीम करुणा और अनुराग का भाव था।” इस कथन की सोदाहरण समीक्षा कीजिये। -2013
7 . क्या कबीर ने अनीश्वरत्व के निकट पहुँच चुके भारतीय जनमानस को निर्गुण ब्रह्म की भक्ति की ओर प्रवृत्त होने की उत्तेजना प्रदान की? तर्क सम्मत उत्तर दीजिये। -2014
8. ‘भक्ति-आन्दोलन का जन-साधारण पर जितना व्यापक प्रभाव हुआ, उतना किसी अन्य आन्दोलन का नहीं’ इस कथन की सार्थकता पर विचार करते हुए कबीर की भूमिका पर प्रकाश डालिए! 2016
9 . “कबीर की कविता ‘अस्वीकार’ के साथ-साथ स्वीकार की भी कविता है।” इस कथन के संदर्भ में कबीर काव्य का विश्लेषण कीजिये। -2017
10. नीरस निर्गुण मत में कबीर ने ‘ढाई आखर’ जोड़ने की पहले किससे प्रेरित हो कर की और क्यों? अपने कथन की पुष्टि कीजिये। 2018
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