हिंदी साहित्य विगत वर्षों के प्रश्न पत्र :- नागार्जुन | Hindi Literature UPSC PYQ Topic Wise Nagarjun
1. नागार्जुन की काव्यगत विशेषताएँ रेखांकित कीजिए। -2001
2. नागार्जुन की काव्य-संवेदना और भाषा-शैली की सोदाहरण समीक्षा कीजिये। -2001
3. ‘नागार्जुन जनता, धरती और मानव प्रेम के पुजारी हैं’- अपने विचार प्रस्तुत कीजिये। -2002
5. जनकवि के रूप में नागार्जुन का मूल्यांकन कीजिए। -2011
4. नागार्जुन को जन-कवि क्यों कहा जाता है? 2008 2014
6. नागार्जुन की कविता लोक-जीवन की भूमि से उग कर प्रतिबद्धता पर आरूढ़ हो, व्यंग्य के शिखर का स्पर्श करती है। इस कथन की पुष्टि कीजिये।
7. बाबा नागार्जुन नये काव्य में किन अर्थों में महत्त्वपूर्ण हैं, स्पष्ट कीजिये।
-2015
8. नागार्जुन की काव्यभाषा पर एक संक्षिप्त निबंध लिखिए।
-2015
9. नागार्जुन की लोक-दृष्टि के आधारभूत तत्त्व कौन-कौन से हैं? समीक्षा कीजिए। -2016
10. “नागार्जुन अकाल को प्राकृतिक अभिशाप के रूप में कम, मानवीय अभिशाप के रूप में ज्यादा देखते है।” इस कथन के आलोक में नागार्जुन के काव्य की समीक्षा कीजिये।
-2017
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