How to Speak Fluent English? अंग्रेजी बिना रुके कैसे बोले?

How to Speak Fluent English

ऐसे बहुत से लोग होते है जिनकी इंग्लिश बहुत अच्छी होती है| और बहुत से ऐसे लोग है, जिन्हे इंग्लिश बोलने में डर लगता है, या बोल ही नहीं पाते घबरा जाते है| इंग्लिश एक भाषा है जिसे बहुत कठिन समझा जाता है और हमे उसे बोलने में हमेशा ही घबराहट होती है| आज का लेख How to Speak Fluent English में प्रयास है अंग्रेजी में बोलने के पीछे जो घबराहट होती है उसे कम करने की या अंग्रेजी बोलने में जो डर लगता है उसे दूर करने का|

 

How to Speak Fluent English

बहुत कम लोग ऐसे होते है जो बहुत confidence से इंग्लिश बोल पाते है| बात करते है उनकी जिनको इंग्लिश समझ आती है पर बोलने में घबराहट होती है या कहे बोल नहीं पाते| इसके पीछे कोई आपसे कहे अपनी ग्रामर ठीक करो या ग्रामर को deeply पढ़ो तो अंग्रेजी अच्छे से आ जाएगी, पर ऐसा नहीं है| इसके पीछे प्रमुख कारण है की जब हम हिंदी में बोल रहे होते है तो हिंदी में ही सोच रहे होते है और हिंदी में ही बोल रहे होते है, लेकिन जब इंग्लिश में बोल रहे होते है तो पहले हिंदी में सोचते है फिर इंग्लिश में convert करते है, फिर बोलते है|

ऐसा क्यों होता है?

ऐसा होता है हमारी आदतों से| इसके लिए हमे सोचना होगा हमने हिंदी कैसे सीखी?

पहला है observation| 

हमने observation से सब कुछ सीखा| जैसा हमारे आस-पास होता रहा वही हम सीखते रहे| जैसे एक छोटा बच्चा अपने आस पास जैसा होता देखता है जो माँ-बाप उसको सिखाते है उसी को सीखता है वह बोलना सीखता है वो आदत बनती रहती है और वह सीखता रहता है, उसी प्रकार हम भी बिना समझे अपने आस पास जो होता रहता है देखते रहते है और observe करके हम सिख गए|

दूसरा है practice| प्रैक्टिस कैसे करे?

practice हम कैसे कर सकते है| हम लिख सकते है प्रैक्टिस करने का सबसे अच्छा माध्यम है लिखना| आपके जो भी thoughts है, सुबह से रात तक जो भी हमने किया है, उसको लिख सकते है| लिखने से क्या होगा, हमे लिखने से पहले सोचना पड़ेगा|

हिंदी बोलने के लिए भी हमें सोचना पड़ता है ऐसा नहीं है की बिना सोचे बोल देते है, बस वो जल्दी दिमाग में आ जाता है क्योंकि वो हमारी आदत बन चुकी है|

जो हम feel करते है और जैसा हमारे आस-पास का माहौल होता है हम उसी प्रकार बोल देते है क्योकि हम सोचते ही हिंदी में है| अगर हम वही इंग्लिश में सोचे तो हमे उसी की आदत पड़ जाएगी, मतलब हमारी आदत बन गयी है बस हिंदी में सोचने की इसलिए इंग्लिश बोलने में हम डरते है/ झिझकते है या अटक जाते है|

हमारी आदत है हिंदी में ही सोचने की सोने से पहले कुछ सोच रहे होते है मतलब हम हिंदी में ही सोच रहे है जो भी सोच रहे है और जब भी सोच रहे है|

हमे लगता है बात करना या बोलना मतलब सिर्फ दूसरों से बात करना या बोलना पर नहीं जो हम अपने अंदर सुबह से रात तक बात कर रहे है वह असलियत में बात करना या बोलना है |

अगर हम अपने अंदर इंग्लिश में बोलते रहें, क्योंकि इसका control हमारे खुद के पास ही है या कुछ नहीं तो इंग्लिश हिंदी को ही अपने mind में mix कर दे तो धीरे धीरे आप देखोगे या नहीं भी चाहोगे तो आपके मुँह से वही निकल रहा होगा, जिस प्रकार के विचार चल रहे होंगे, यह है आदत(Habit)|

अकेले में आप कही बैठे हो सोच रहे हो मुझे ये करना है या कुछ भी तो इंग्लिश में सोचिये| अगर हम सोचने का प्रयास नहीं करते सीधे बोलने का प्रयास करते है, तो नहीं बोल पाएंगे या अटक जायेंगे| बार-बार गलतियां करेंगे और जितनी गलतियां करेंगे उतना लगेगा हम नहीं कर सकते या हमें नहीं करना | इसलिए इंग्लिश में सोचना है, इंग्लिश के word में सोचना है इसका पूरा control हमारे पास है| अपने अंदर ही अंदर सोचना है और simple word सोचने है उससे हमे उसकी fluently आदत पड़ जाएगी सोचने की|

इससे इंग्लिश भी हिंदी की तरह ही आसान लगने लगेगी| आपकी आदत बन जाएगी जिससे आप बिना रुके बिना घबराहट के आसानी से इंग्लिश बोल पाएंगे| और कभी यह नहीं सोचना है कि दूसरा क्या सोच रहा है या हमरा मजाक बनाएगा अगर हम ऐसा सोचेंगे तो कभी नहीं बोल पाएंगे|

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