आत्मविश्वास (SELF CONFIDENCE AATMVISHWAS) पर निबंध | IMPORTANCE OF SELF CONFIDENCE IN HINDI | AATMVISHWA KAISE BADHAYE
आत्मविश्वास (SELF CONFIDENCE AATMVISHWAS) होता क्या है ( WHAT IS SELF CONFIDENCE ) ?
जीवन में अनेक ऐसे करक होते है जो जीवन की दिशा और दशा को तय करते हैं। आत्मविश्वास भी एक ऐसा ही करक है; जो हमारे जीवन को बड़े स्तर पर प्रभावित करता हैं। आत्मविश्वास को इसीलिए जीवन का आधार स्तम्भ कहा जाता हैं। आधार जितना मजबूत होगा जीवन भी उतना ही मजबूत होगा। ये इतिहास भी गवाह है कि इतिहास खुद चंद आत्मविश्वाशी व्यक्तियों का ही बनाया हैं।
आत्मविश्वास :- सफल व्यक्तित्व का आधार स्तंभ
जीवन मे कुछ व्यक्ति किसी भी चुनौती को स्वीकारने के लिए हर समय तैयार रहते हैं । जो व्यक्ति आत्मविश्वास से परिपूर्ण होता हैं यदि उसे किसी भी प्रकार की चुनौती दी जाए तो वो उसे अस्वीकार करने से पहले एक बार प्रयास करना जरूर चाहेगा और प्रयास ही किसी सफलता का अहम पहलू होता हैं। वहीं दूसरी ओर कुछ लोग छोटे छोटे काम करने में भी खुद को सहज नहीं कर पाते हैं। आत्मविश्वास की कमी वाले व्यक्ति अपनी वर्तमान स्थिति से कोई समझौता इतनी आसानी से नही करते हैं , ऐसे लोग जीवन में कोई नई चुनौती या जोख़िम को सरलता से स्वीकार करने की स्थिति में नहीं होते हैं।
आत्मविश्वास से परिपूर्ण कुछ व्यक्तियों की कहानी ही बया करता है इतिहास
विश्व मे अनेक उदाहरण मौजूद हैं जो ये पुर्णतः इंगित करते हैं कि इतिहास ज्यादा ओर कुछ नही बल्कि आत्मविश्वास से पूर्ण व्यक्तियों की कहानी मात्र प्रतीत होता हैं। ऐसे अनेक व्यक्तित्व हुए हैं जो आत्मविश्वास को अपनी हथेली पर लिए घूमते थे और वो ही इतिहास में अपनी जगह बना भी पाए हैं।
इतिहास ज्यादा ओर कुछ नही बल्कि आत्मविश्वास से पूर्ण व्यक्तियों की कहानी मात्र प्रतीत होता हैं।
आत्मविश्वास (SELF CONFIDENCE AATMVISHWAS) को कम होने से बचाने के तरीक़े व आत्मविश्वास को बढ़ाने के तरीक़े
1. लोगों की नज़रों से खुद को न देखे :
कोई व्यक्ति अपने प्रति क्या सोच रखता हैं यह भी बहुत हद तक समाज की क्रियाओं पर निर्भर करता हैं। व्यक्ति आमतौर पर इस आधार पर सोच विकसित करता हैं कि उसे अपने प्रति दूसरों की नज़रों में कैसी छवि नज़र आती हैं। यदि किसी व्यक्ति को लगता है कि अधिकांश लोग उसको किसी क़ाबिल समझते है तो वो भी खुद को क़ाबिल समझेगा। इसके विपरीत यदि उसे महसूस होता है कि अन्य लोग उसे किसी विषय मे नाक़ाबिल समझते हैं तो वो खुद को भी नाक़ाबिल समझने लगेगा।
हम सामाजिक प्राणी हैं तो समाज की क्रियाओं का प्रभाव हम पर होना स्वाभाविक ही हैं। व्यक्ति की मनोस्थिति का विकास भी किसी न किसी तरह से समाज पर भी निर्भर करता हैं। किसी व्यक्ति के लिए सभी सम्बंधित व्यक्तियों का समान महत्व नहीं होता हैं । कुछ लोग अत्यंत महत्व के होते है जिनकी नज़रो में व्यक्ति अपनी छवि बनाए रखने के लिए हर संभव प्रयास करता हैं और चाहता है कि इनकी नज़रो में मेरी छवि कभी धूमिल न हो वही दूसरी और कुछ लोग ऐसे भी होते है जिनकी बातो या अस्तित्व का व्यक्ति पर कोई प्रभाव नही होता हैं। हमे खुद को दुसरो की नज़रो ने देखना बंद करना होगा।
हमे खुद की नज़रो में एक छवि बनानी होगी कि हा मैं कर सकता हूँ। मेरे में वो सभी क्षमताएं मौजूद है या मैं मेहनत करके उन क्षमताओं को प्राप्त कर लूंगा जो समस्याओं को पार पाने के लिया जरुरी हो।
2. तुलना करना बंद करें :
3. आत्मविश्लेषण करते रहे और गलतियों से सीखें :
4. खुद को पत्र लिखें :
5. दुसरो की तारीफ़ करें :
6. Body language को बदले :
7. पुराने अनुभव से आज को न तोले :
8 . अपनी मानसिक स्तिथि का प्रयोग खुद को कमजोर करने में नहीं खुद को मजबूत बनाने में करें :
आत्मविश्वास व अतिआत्मविश्वास में अंतर समझे
जिस प्रकार आत्मविश्वास (SELF CONFIDENCE AATMVISHWAS) अत्यंत आवश्यक होता है सफलता के लिए उसी प्रकार कभी कभी अति आत्मविश्वास भी हमे हानि दे सकता हैं। अतः इन जीवन में संतुलन होना भी अत्यंत आवश्यक होता हैं। आत्मविश्वास और अति आत्मविश्वास में संतुलन का सबसे सहज और सरल उपाय यह है कि हम बड़े बड़े महापुरुषों की जीवनी पढ़े और उन्हें सही से विश्लेषण करें कि कैसे उन्होंने आत्मविश्वास बनाए रखते हुए अति आत्मविश्वास को खुद पर हावी नहीं होने दिया । व्यक्ति को ये समझना भी अत्यंत आवश्यक है कि जिस प्रकार प्रत्येक व्यक्ति प्रत्येक क्षेत्र में समान योग्यता नही रखता हैं। उसी प्रकार प्रत्येक क्षेत्र में आत्मविश्वास का समान होना भी आवश्यक नही हैं। उदाहरण के तौर पर कोई व्यक्ति लेखन कार्य मे आत्मविश्वास रख सकता है तो कोई अभिनय के क्षेत्र में । परंतु किसी भी क्षेत्र में सफलता के लिए आत्मविश्वास होना अत्यंत आवश्यक हैं। आत्मविश्वास के अभाव में किया हुआ प्रयास सफलता की संभावनाओं को कम कर देता है और वहीं आत्मविश्वास से युक्त किए गए प्रयास से सफलता की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। अतः जीवन में आत्मविश्वास अत्यंत आवश्यक हैं।
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