दूसरों की गलतियों से सीखें | LEARN FROM OTHERS MISTAKES IN HINDI
कभी कभी सफ़र में अनजान मंजिल पर जाते समय अनेक ऐसे मोड़ आते हैं कि यात्री को आभास भी नहीं होता कि हम जिस मोड़ पर मुड़ रहे हैं वो हमें मंज़िल से दूर कर देगा या पास पहुँचा देगा।
ऐसे ही जीवन भी एक ऐसा ही सफर हैं जहाँ हर मोड़ पर मुड़ने का मन करता हैं ; मन कहता है कि आखिर इस मोड़ का अनुभव भी लिया जाए । परंतु हम भूल जाते है कि कभी कभी सफ़र में हम कुछ ऐसे मोड़ का चयन कर लेते हैं। जो हमे मंज़िल से बहुत दूर ले जाते हैं जहाँ कुछ यात्री अतरिक्त समय देकर या कहे कि समय बर्बाद करके अधिक ऊर्जा का व्यय करके मंज़िल पर जा मिलते है तो कुछ सफर में ही खो जाते हैं।
ऐसे ही जीवन मे भी कभी कभी भूलवश या कभी कभी जोश के कारण कुछ ऐसे मोड़ का चयन कर लेते है जिससे रास्ते इतने लंबे हो जाये है कि जब तक हमे अपनी गलती का आभास होता है तब तक हमारे सभी संसाधन ( समय, ऊर्जा , आयु सीमा) समाप्त हो जाते हैं । अगर संसाधन बचते भी है तो मंज़िल पा जाने की संभावनाएं कम हो जाते है या कभी कभी तो मंज़िल पाने के लायक ही नही रह पाते हैं।
अतः हमें जीवन रूपी सफ़र में भी किसी मोड़ पर मुड़ने से पहले उस रास्ते को जान लेना अत्यंत आवश्यक होता हैं जिस रास्ते पर आप अपना पहला कदम रखने जा रहे होते हो।
आचार्य चाणक्य ने भी कहा है कि दूसरों के अनुभवों से सीखों क्योंकि अगर सभी प्रयोग आने जीवन पर करोगे तो शायद जीवन काम पड जाएगा।
बचपन से ही परिवार , स्कूल आदि समाज की वो संस्थाएं है जो हमें जीवन के कुछ खट्टे और कुछ मीठे अनुभवों को बताने का काम करते हैं। अगर हम किसी के द्वारा कोई अनुभव प्राप्त होते है तो इसका मतलब ये नही कि हम भी जीवन मे उन्ही रास्तो का चयन करके वो सभी अनुभव अपने जीवन मे भी प्राप्त करें। बल्कि समझदारी यही है कि हम उन सभी अनुभवों को दिमाग़ में रखते हुए अपने रास्तों पर आगे बढे ओर हर मोड़ या रास्ता चुनने से पहले दुसरो से प्राप्त अनुभवों पर उस रास्ते को तोल कर देख ले। इससे जीवन में जहाँ सफलता प्राप्त करने की प्रायिकता तो बढ़ेगी ही साथ ही जीवन मे कुछ विशाल करने के लिए समय , ऊर्जा सभी संसाधनों का भी दुरुपयोग होने से बचेगा।