मंकीपॉक्स वायरस । Monkeypox Virus in Hindi
Monkeypox Virus in Hindi
कोरोना वायरस महामारी (Covid-19 pandemic) के बीच मंकीपॉक्स (Monkeypox) भी तेजी से फैल रहा है। हालांकि यह एक पुरानी बीमारी है लेकिन हालिया कुछ दिनों मे यह बीमारी बीस के करीब देशों में फैल गयी है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) के अनुसार 20 देशों में मंकीपॉक्स के लगभग 200 से अधिक मामले सामने आये हैं। मंकीपॉक्स वायरस के केस बढ़ने से भारत भी सतर्क हो गया है और सभी राज्यों को इस वायरस प्रति जरुरी दिशा-निर्देश जारी कर दिये गए है।
मंकीपॉक्स क्या है ? Monkeypox Virus in Hindi
यह एक दुर्लभ बीमारी है जो मंकीपॉक्स वायरस के संक्रमण के कारण होती है। मंकीपॉक्स एक ऑर्थोपॉक्सवायरस संक्रमण (orthopoxvirus infection) है, जो कि चेचक या चिकनपॉक्स के सामान दिखाई देती है। मंकीपॉक्स वायरस एक डबल-स्ट्रैंडेड डीएनए वायरस है, जो पॉक्स विरिडे परिवार के ऑर्थो पॉक्स वायरस जीनस से संबंधित है। यह बीमारी सबसे पहले वर्ष 1958 में बंदरों में दिखाई दी थी, जिसके कारण इसे मंकीपॉक्स नाम दिया गया। वर्ष 1970 में एक युवा में सबसे पहले मंकीपॉक्स का मामला सामने आया था।
मंकीपॉक्स के लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों के दर्द, पीठ दर्द, सूजी हुई लसीका ग्रंथियां, ठंड लगना और थकावट आदि शामिल हैं। बुखार आने के 1 से 3 दिनों के भीतर रोगी को एक प्रकार के दाने हो जाते हैं, जो अक्सर चेहरे पर शुरू होता है और फिर शरीर के अन्य भागों में फैल जाते हैं।
मंकीपॉक्स की खोज पहली बार 1958 ई० में हुई थी, जब शोध के लिए रखे गए बंदरों मे इस वायरस को पाया गया, इसलिए इसका नाम ‘मंकीपॉक्स (Monkeypox)’ पड़ा।
मंकीपॉक्स का पहला मानव मामला 1970 में डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो में दर्ज किया गया था।
Monkeypox Virus in Hindi
मंकीपॉक्स का कारण क्या है ? Cause of Monkeypox Virus
मंकीपॉक्स एक फैलने वाली बीमारी है यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में बड़ी आसानी से फ़ैल सकती है। अगर कोई व्यक्ति किसी संक्रमित व्यक्ति या जानवर के निकट संपर्क मे आता है तो यह आसानी से उस व्यक्ति संक्रमित कर सकता है।
ऐसा माना जाता है कि यह चूहों और गिलहरियों जैसे जानवरों से फैलता है। यह रोग घावों, शरीर के तरल पदार्थ, श्वसन बूंदों और दूषित सामग्री के माध्यम से फैलता है। यह वायरस चेचक की तुलना में कम संक्रामक है और कम गंभीर बीमारी का कारण बनता है।
मंकीपॉक्स के लक्षण क्या है? Symptoms of Monkeypox Virus
मंकीपॉक्स के लक्षण बहुत जल्द सामने आने लगते हैं। जिसमें सबसे पहले हल्के से गंभीर बुखार हो सकता है। बुखार के साथ-साथ संक्रमित को मांसपेशियों में दर्द, जकड़न और कमजोरी महसूस हो सकती है। इसके साथ ही जैसे-जैसे मंकीपॉक्स की बीमारी बढ़ने लगती है वैसे-वैसे संक्रमित रोगी के लिम्फ नोड्स (शरीर में गाँठ जिसमें से होकर लसीका जाता है।) में सूजन आने लगती है जो कि मंकीपॉक्स की सबसे बड़ी पहचान है।
मंकीपॉक्स होने पर रोगी के शरीर में पांच दिनों के भीतर शरीर में चेचक यानि माता के निशान बनने लग जाते हैं जिससे रोगी को और भी कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
मंकीपॉक्स होने पर रोगी को मुख्य तौर पर निम्नलिखित लक्षण दिखाई देते हैं :-
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बुखार
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सिर दर्द
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मांसपेशियों में दर्द
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पीठ दर्द
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सूजी हुई लसीका ग्रंथियां (swollen lymph nodes)
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ठंड लगना
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थकावट
बुखार आने के 1 से 3 दिनों के भीतर (कभी-कभी अधिक) रोगी को एक दाने का विकास होता है, जो अक्सर चेहरे पर शुरू होता है और फिर शरीर के अन्य भागों में फैल जाता है।
मंकीपॉक्स के संक्रमण की शुरुआत 6 से 13 दिनों तक होती है, लेकिन यह 5 से 21 दिनों तक भी हो सकती है। इसमें बुखार, तेज सिरदर्द, लिम्फ नोड्स की सूजन, पीठ दर्द, मांसपेशियों में दर्द और एनर्जी की कमी जैसे लक्षण दिखते हैं। संक्रमित व्यक्ति के शरीर पर बड़े-बड़े दाने निकल आते हैं। गंभीर स्थिति में ये दाने आंखों के कॉर्निया को भी प्रभावित कर सकते हैं। दाने गले के बजाय चेहरे और हाथ-पांव पर ज्यादा नजर आते हैं। इसके साथ यह चेहरे और हाथों की हथेलियों और पैरों के तलवों पर ज्यादा हो सकते हैं।
कैसे फैलता है मंकीपॉक्स
मंकीपॉक्स जानवरों से मनुष्यों में फैलने वाला वायरस है, जिसमें स्मॉल पॉक्स जैसे लक्षण होते हैं। हालांकि यह इलाज की दृष्टि से कम गंभीर है।
मंकीपॉक्स वायरस संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलता है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा के मुताबिक मंकीपॉक्स किसी संक्रमित जंगली जानवर के जरिए हो सकता है। यह जानवर अफ्रीका के मध्य और पश्चिमी हिस्सों में पाए जाते हैं। अगर यह जानवर काट ले, या इनका खून या शरीर का दूसरा तरल पदार्थ (जैसे मूत्र, लार, पसीना) के संपर्क में आए, या इनकी त्वचा गलती से अगर मुंह में चली जाए तो इस वायरस का संक्रमण हो सकता है।
इसके अलावा मंकीपॉक्स संक्रमित जानवर अच्छी तरह पकाए बगैर खाने से और संक्रमित जानवर के शरीर के दूसरे हिस्से मसलन त्वचा, फर को छूने से भी हो सकता है।
मंकीपॉक्स का इलाज । Treatment of Monkeypox Virus
फिलहाल इस वायरस का कोई सटीक इलाज उपलब्ध नहीं है। लेकिन चेचक की वैक्सीन को मंकीपॉक्स के खिलाफ असरदार माना जाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि मंकीपॉक्स को लेकर घबराने की जरूरत नहीं है यह कोविड की तरह व्यापक स्तर पर महामारी का रूप नहीं लेगा। लेकिन इसका प्रकोप एक गंभीर चेतावनी है और यह एक गंभीर बीमारी है इसलिए हमें ध्यान देने और सचेत रहने की ज़रूरत है।
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