कविता : आओ आजादी की कुछ बात करें | Poem On Independence Day in Hindi | 15 August Poem 2022 | Independence Day Poem
Independence Day Poem
आओ आजादी की कुछ बात करें।
जो हुवे शहीद थे उनको याद करें।गोरों ने गऊ माता की चर्बी घात करी।
तो मंगल ने आजादी की शुरुवात करी।जब तड़प रही भारत की माटी थी।
तब मीलों चली बापू की लाठी थी।सैंतालीस में पूरे आजादी के ख्वाब हुए।
इस वतन पर कुर्बान वीर आजाद हुए।तब हाथ पैर भी अंग्रेजो के फूल गए।
जब भगत सिंह फांसी में झूल गए।जब अंग्रेजों ने कब्ज़ा ये वतन किया।
बोस ने आजाद हिन्द का गठन किया।हर आंदोलन चलाना जब एक सवाल था।
गांधी संग खड़ा मुगलसराय का लाल था।उस कुर्बानी से हमने ये दिन है एहसास किया।
नेहरू ने नौ वर्षों तक कठोर कारावास जिया।गंगाधर जी को जब लोकमान्य से पुकारा था।
तब भारत में गूंजा पूर्ण स्वराज का नारा था।पंद्रह अगस्त का जो आज दिन है ये,
उन शहीदों के बिना कहां मुमकिन है ये।आओ मिलकर ये जश्न खूब मनाया जाए।
हर घर के मस्तक पर तिरंगे को लहराया जाए।जय हिन्द।।
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