टेकयोन कण | Tachyon Particles in Hindi 

 

Tachyon Particles

हम मनुष्यो ने अपने क्रमागत उन्नति के दौर में एक से दूसरी जगह तक जाने के लिए कई प्रकार के अत्याधुनिक वाहनों का अविष्कार किया है, और इसी के वजह से हम लोग एक से दूसरी जगह बहुत आसानी और शीघ्रता से पहुंच जाते है। इन वाहनों के इस्तेमाल से हमारा समय बचने लगा।

ठीक इसी तरह ब्रह्माण्ड में कई प्रकार के कण मौजूद है, और ये सभी कण गतिमान है। हर एक कण की गति उसकी भौतिक संरचना के अनुसार अलग अलग है। ये सभी कण प्रकाश  की गति से कम गति पर घूम रहे है| परंतु वैज्ञानिक मानते है की हमारे ब्रह्माण्ड में कुछ कण ऐसे भी है जो प्रकाश की गति से ज्यादा गति पर घूम रहे है। जैसे – टेकयोन। कई अन्य  कण भी है जिनकी गति प्रकाश से तेज हैं।

टेकयोन कण को वैज्ञानिक बहुत ही गंभीरता से लेते हैं। क्योंकि कहा जाता हैं की, टेकयोन ही वह कण है जिससे हमारे अंतरिक्ष विज्ञान का भविष्य जुड़ा हुआ हैं।

 

 

टेकयोन कण क्या हैं ? What are Tachyon Particles ?

 

आसान शब्दो में कहे तो, ” टेकयोन एक काल्पनिक कण हैं, जो की प्रकाश के गति से भी तेज हैं। ” टेकयोन का अर्थ होता हैं  ” अति तीव्रता के साथ गति करना। ” वैसे तो हमारे  भौतिक विज्ञान के सिद्धांतों के जरिए हम लोग टेकयोन कण के सटीक वेग को नहीं माप सकते, परंतु वैज्ञानिक मानते है की इसका वेग प्रकाश के वेग से थोड़ा अधिक हैं। WhatsApp Image 2021 10 06 at 11.45.12 PM

इस कण के अस्तित्व में होने का अनुमान सबसे पहले गेराल्ड के द्वारा साल 1967 में लगाया गया था। हालांकि वैज्ञानिक अभी भी इसके अस्तित्व को लेकर अलग-अलग बयान देते रहे हैं, परंतु सत्य यह हैं की इस कण को आज तक हम खोजने में सक्षम नहीं हो पाए हैं। आइंस्टाइन द्वारा दिए गए सापेक्षता के सिद्धांत के अनुसार इस अंतरिक्ष में प्रकाश से ज्यादा तेज कोई चीज़ नहीं हैं। क्योंकि इतने तेजी से गति करने वाले चीज़ का वजन हमारे कल्पना से परे ही होगा,जिसको की एक काल्पनिक ऊर्जा श्रोत नियमित रूप से आगे बढ़ने क लिए ऊर्जा देता हो। Tachyon Particles

 

 

टेकयोन कण की मौजूदगी | Presence of Tachyon Particles

 

टेकयोन के अस्तित्व को लेकर आज भी वैज्ञानिक एक मत नही हैं। परंतु यहां हम चर्चा करेंगे, टेकयोन कण कहाँ मिल सकता हैं।

टेकयोन कण को आज तक किसी भी प्रयोगशाला में बनाया या देखा नहीं गया है| कुछ वैज्ञानिकों का यह भी मानना हैं की शायद यह कण अंतरिक्ष में मौजूद हो सकता हैं।

टेकयोन कणों से जुड़ी एक और महत्वपूर्ण बात यह भी है की, इसको हम खुली आँखों से कभी नहीं देख पाएंगे, क्योंकि हम केवल उसी वस्तु को देख पाते है, जिस चीज़ के ऊपर प्रकाश की किरणें पड़ कर हमारी आँखों तक आती हैं।

वैज्ञानिको का मानना हैं की, Laser like Media में टेकयोन कण के मिलने की पूरी संभावनाएं हैं। इस मीडिया के अंदर अणुओं की संरचना उल्टी होना बहुत ही जरूरी हैं। अगर अणुओं की संरचना उल्टी देखने को मिलती हैं तो, उस मीडिया में मौजूद कण अर्धकण कहलाते हैं।

ज़्यादातर टेकयोन कणों के मिलने की संभावना Quantum Optical Effects के दौरान होती हैं। इसलिए इस कण को Quantum Mechanics की मदद से खोजा जा सकता है|

Photon की गति लगभग प्रकाश की गति के बराबर होती हैं, परंतु Photon के कण प्रकाश के गति को लांघ नहीं सकते हैं। इसलिए इन्हें हम टेकयोन के कण नहीं कह सकते हैं। वैज्ञानिकों ने अन्य शोध के जरिए भी टेकयोन कणों के अस्तित्व को पुष्टि करने का प्रयास किया हैं।

 

 

टेकयोन कणों की संरचना | Structure of Tachyon Particles

 

जैसा की हम लोग जानते हैं, की अगर इस ब्रह्माण्ड में कोई भी भौतिक चीज़ मौजूद हैं और वह एक कण के आकार में हैं, तो उसका एक निर्धारित वजन अवश्य  होगा। टेकयोन के कणों का भी वजन होता हैं , परंतु इसके वजन का सटीक तौर पर  अनुमान लगा पाना मुश्किल हैं। वैज्ञानिक मानते हैं की, टेकयोन के कणों के अंदर भी कई अति सूक्ष्म कण मौजूद होते हैं।

कई वैज्ञानिक यह भी कहते हैं की, प्रकाश की गति से तेज अगर कोई कण हैं तो वह सिर्फ Photon हैं। कण होने के बाद भी Photon वजन-रहित होता हैं। जो इसके प्रकाश की गति के साथ-साथ जाने चलने में मदद करता हैं।

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यहाँ पर हम टेकयोन और Photon कणों के अंदर रिश्ते को जानेगे। क्योंकि ये दोनों ही कण अति सूक्ष्म कणों की श्रेणी में आते हैं और दोनों ही कण काल्पनिक सिद्धांतों में प्रकाश की गति से तेज जाने में सक्षम हैं।

परन्तु यहाँ विचार करने लायक बात यह है की, आखिर कैसे कोई भौतिक कण नेगेटिवे मास को वहन कर सकता हैं| क्योकि अगर किसी वस्तु के पोसिटीव मास होगा तो प्रकाश की गति से धीमा चलेगी| अगर वस्तु मासलेस होगी तो वह प्रकाश के साथ चलेगी| परंतु अगर उसे प्रकाश की गति से भी तेज चलना हैं तो, उसे नेगेटिव मास का होना पड़ेगा।

 

टेकयोन को लेकर वैज्ञानिकों के विचार

 

पहले वैज्ञानिकों का मानना था की, टेकयोन कण वास्तव में कण न हो कर एक तरंग हैं। इसको पहले तरंग मानकर वैज्ञानिकों ने इससे प्रकाश की गति से भी तेज सिग्नल भेजने का प्रयास किया। यहाँ पर टेकयोन, Wave Equation के सारी विंदुओं में यथार्थ साबित तो हो रहा था, परंतु इसके ऊर्जा के स्रोत के पीछे की समीकरण को यह सटीक तौर पर संतुष्ट नहीं पाया। इससे इस बात की पुष्टी हुई की, टेकयोन वास्तव में एक तरंग न हो कर एक कण हैं।

 

 

Einstein-Podolsky-Rosen Phenomena का सिद्धांत :

 

एक शोध में वैज्ञानिक Einstein, Podolsky तथा Rosen के द्वारा दिए गए सिद्धांतों को आधार मानकर, टेकयोन के अस्तित्व को खोजने का प्रयास किया गया। इस शोध में, दो Photon के कणों पर शोध किया गया। इस शोध के प्रारंभिक चरण में इन दोनों कणों को एक-दूसरे से बहुत ही दूरी पर रखा गया।

इसके बाद वैज्ञानिकों ने दोनों Photon के कणों के गुणों को बारीकी से समझने का प्रयास किया। बहुत ही बारीकी से जाँच करने पर पता चला की, बहुत ही दूरी पर होने पर भी दोनों ही Photon के कण एक-दूसरे के भौतिक गुणों को प्रभावित कर रहें हैं। दोनों Photon के कण एक ही स्रोत से निर्गत होते हैं। जिससे इन दोनों ही कणों के गुण एक समान ही होते हैं। इन्हें ” Twin Photons “ भी कहा जाता हैं।

दोनों ही Photon के कण एक-दूसरे के गुणों को प्रभावित करते हैं| परंतु इन दोनों कणों में बदलाव बहुत ही तेजी से साथ होते हैं।

लगभग प्रकाश की गति की तेजी से ही इन कणों के गुणों में बदलाव आते हैं। हालांकि क्वांटम की अनिश्चितता से भरी हुई संरचनाओं के बारे में यह कह पाना

बहुत मुश्किल होता हैं की, क्या वाकई कोई ऐसा कण है जो प्रकाश से ज्यादा तेज हो सकता है। परंतु इतना अवश्य कहा जा सकता हैं की, Quantum Physics में आने वाले भविष्य में टेकयोन का अस्तित्व हो सकता हैं।

 

टेकयोन की गति  (Tachyon speed): 

 

1962 में दो वैज्ञानिकों ने प्रकाश की गति से भी तेज किसी एक कण के होने का जिक्र किया था, जो कि आगे चलकर टेकयोन कण के नाम से जाना गया। इनमे से एक वैज्ञानिक भारतीय मूल के थे, जिनका नाम जॉर्ज सुदर्शन था। इन वैज्ञानिकों ने संवेग, वजन और ऊर्जा से जुड़ी कई ग्राफ बनाई तथा कुछ ऐसी समीकरण को प्रदर्शित किया जो की टेकयोन के अस्तित्व का सबूत था।

वैज्ञानिक मानते है की, सबसे धीमी गति से चलने वाला टेकयोन कण भी इतना तेज होता हैं की, अगर यह कण किसी वस्तु के साथ टकरा जाता हैं तो वह आसानी से उस वस्तु की आणविक संरचना को प्रभावित कर सकता हैं। इससे आप अंदाजा लगाया जा सकता हैं की, यह कितना गतिशील होगा!

 

प्रकाश से भी ज्यादा तेज की रफ्तार की सम्भावना (Possibility of speeding faster than light) :

 

ज़्यादातर भौतिक वैज्ञानिक मानते है की, पारंपरिक भौतिक विज्ञान के सिद्धांतों के आधार पर टेकयोन कणों की पुष्टि नहीं की जा सकती हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार इन कणों के अस्तित्व का अभी तक कोई सबुत नहीं हैं। हालांकि इसके विपरीत कुछ भौतिक विज्ञानी यह भी मानते है की, हमारे ब्रह्माण्ड के space time में कई तरह के बदलाव नजर आते हैं। जिसके आधार पर इन टेकयोन कणों का पुष्टीकरण किया जा सकता हैं।

हमारे अंतरिक्ष में कई ऐसी भी जगह हैं, जहां साधारण भौतिक विज्ञान के सिद्धांत काम नहीं आते हैं। अंतरिक्ष कि इन जगहों पर WormHole के अस्तित्व को दर्शाया जाता हैं। अगर कोई वस्तु किसी  कारण  से इस Wormhole के अंदर चला जाता हैं तो बहुत ही कम समय में एक लम्बी दुरी तय कर लेगा| तथा इसकी गति प्रकाश की गति से भी ज्यादा तेज होगी।

 

निष्कर्ष (Conclusion):

 

टेकयोन कणों की पुष्टि, WormHole के जरिए ही की सकता हैं। क्योंकि WormHole के जरिए ही एक चीज़ बहुत ही तेजी से एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुँच सकती हैं। वैज्ञानिक का मानना हैं की, सुदूर अंतरिक्ष में मौजूद आकाशगंगाओं के आधार पर प्रकाश की गति में भी अंतर देखा जा सकता हैं।

इसके अलावा अंतरिक्ष में घूम रहें धूमकेतूओं की गति भी समय तथा स्थान के साथ साथ बदलती रहती हैं। अगर कोई धूमकेतु पृथ्वी के निकट आता हैं तो उसकी गति प्रकाश के मुक़ाबले धीमी होती हैं, जिससे हम उसे देख पाते हैं। परंतु वहीं धूमकेतु जब पृथ्वी से दूर जाता हैं तो उसकी गति बढ़ कर प्रकाश के गति से भी ज्यादा हो जाती हैं।

इसलिए कह सकते हैं की, अंतरिक्ष में कोई भी चीज़ स्थाई नहीं हैं, सभी अस्थाई है| और हमारे द्वारा बनाए गए सिद्धांत तथा तथ्यों में बदलाव आना कोई बड़ी बात नहीं हैं। आप इसके बारे में अधिक जानकारी Quantum Physics के double slit experiment से मिलेगी। Tachyon Particles

 

 

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