UPSC IAS (Mains) 2016 General Studies (Paper -4) Exam Question Paper in Hindi |
यूपीएससी आईएएस 2016 (मुख्य परीक्षा) सामान्य अध्ययन पेपर -4 UPSC IAS (Mains) 2016 General Studies (Paper – 4) Exam Question Paper
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UPSC IAS (Mains) 2016 General Studies (Paper -4) Exam Question Paper in Hindi | खण्ड – A (Section – A)
प्रश्न 1.
- स्पष्ट कीजिए कि आचारनीति समाज और मानव का किस प्रकार भला करती हैं।
- क्या कारण है कि निष्पक्षता और अपक्षपातीयता को लोक सेवाओं में, विशेषकर वर्तमान सामाजिक-राजनीतिक संदर्भ में, आधारभूत मूल्य समझना चाहिए? अपने उतर को उदाहरणों के साथ सुस्पष्ट कीजिए।
प्रश्न 2.
- ‘शासन’, ‘सुशासन और ‘नैतिक शासन’ शब्दों से आप क्या समझते हैं?
- महात्मा गाँधी की सात पापों की संकल्पना की विवेचना कीजिए।
प्रश्न 3.
- भारत के संदर्भ में सामाजिक न्याय की जॉन रॉल्स की संकल्पना का विश्लेषण कीजिए।
- द्वितीय प्रशासनिक सुधार आयोग द्वारा सिफारिशकृत (अनुशंसित) लोक सेवा संहिता की विवेचना कीजिए।
प्रश्न 4.
- ‘भ्रष्टाचार सरकारी राजकोष का दुरुपयोग,’ प्रशासनिक अदक्षता एवं राष्ट्रीय विकास के मार्ग में बाधा उत्पन्न करता है।’ कौटिल्य के विचारों की विवेचना कीजिए।
- सामाजिक प्रभाव और समझाना-बुझाना स्वच्छ भारत अभियान की सफलता के लिए किस प्रकार योगदान कर सकते हैं?
प्रश्न 5. विधि एवं आचारनीति मानव आचरण को नियन्त्रित करने वाले दो उपकरण माने जाते हैं ताकि आचरण को सभ्य सामाजिक अस्तित्व के लिए सहायक बनाया जा सकें।
- चर्चा कीजिए कि वे इस उद्देश्य की किस प्रकार पूर्ति करते हैं।
- उदाहरण देते हुए यह बताइए कि ये दोनों अपने उपागमों में किस प्रकार एक-दूसरे से भिन्न हैं।
प्रश्न 6. जीवन, कार्य, अन्य व्यक्तियों एवं समाज के प्रति हमारी अभिवृतियां आमतौर पर अनजाने में परिवार एवं उस सामाजिक परिवेश के द्वारा रुपित हो जाती हैं, जिसमें हम बड़े होते हैं। अनजाने में नागरिकों के लिए अवांछनीय होते हैं।
- आज के शिक्षित भारतीयों में विद्यमान ऐसे अवांछनीय मूल्यों की विवेचना कीजिए।
- ऐसी अवांछनीय अभिवृत्तियों को कैसे बदला जा सकता है तथा लोक सेवाओं के लिए आवश्यक समझे जाने वाले सामाजिक-नैतिक मूल्यों को आकांक्षी तथा कार्यरत लोक सेवकों में किस प्रकार संवर्धित किया जा सकता है?
प्रश्न 7. क्रोध एक हानिकारक नकारात्मक संवेग है। यह व्यक्तिगत जीवन एवं कार्य जीवन दोनों के लिए हानिकर है।
- चर्चा कीजिए कि यह किस प्रकार नकारात्मक संवेगों और अवांछनीय व्यवहारों को पैदा कर देता है।
- इसे कैसे व्यवस्थ्ति एवं नियंत्रित किया जा सकता हैं?
प्रश्न 8. “मैक्स वैबर ने कहा था कि जिस प्रकार के नैतिक प्रतिमानों को हम व्यक्तिगत अंतरात्मा के मामलों पर लागू करते हैं, उस प्रकार के नैतिक प्रतिमानों को लोक प्रशासन पर लागू करना समझदारी नहीं है। इस बात को समझ लेना महत्वपूर्ण है कि हो सकता है कि राज्य के अधिकारीतंत्र के पास अपनी स्वयं की स्वतंत्र अधिकारीतंत्रीय नैतिकता हो।” इस कथन का समालोचनापूर्वक कीजिए।
खण्ड-B (Section – B)
प्रश्न 9. इंजीनियरी की एक नई स्नातक (ग्रेजुएट) को एक प्रतिष्ठावान रासायनिक उद्योग में नौकरी मिली है। वह कार्य को पसन्द करती है। वेतन भी अच्छा है। फिर भी, कुछ महीनों के पश्चात् इत्तफाक से उसने पाया कि उच्च विषाक्त अपशेष को गोपनीय तरीके से नजदीकी नदी में प्रवाहित किया जा रहा है। यह अनुप्रवाह में रहने वाले ग्रामीणों, जो पानी की आवश्यकता के लिए नदी पर निर्भर हैं, के स्वास्थ्य की समस्याओं का कारण बनता जा रहा है। वह विचलित है और वह अपनी चिन्ता सहकर्मियों को प्रकट करती है, जो लम्बे समय से कम्पनी के साथ रहे हैं। वे उसे चुप रहने की सलाह देते हैं क्योंकि जो भी इस विषय का उल्लेख करता है, उसको नौकरी से निकाल दिया जाता है। वह अपनी नौकरी खोने का खतरा नहीं ले सकती, क्योंकि वह अपने परिवार की एकमात्र जीविका चलाने वाली है तथा उसे अपने बीमार माता-पिता एवं भाई-बहनों का भरण-पोषण करना होता है। प्रथमतः वह सोचती है यदि उसके वरिष्ठ चुप हैं, तो वह ही क्यों अपनी गर्दन बाहर निकाले। परन्तु उसका अन्तःकरण नदी को एवं नदी पर निर्भर रहने वाले लोगों को बचाने कें लिए दिया गया परामर्श उचित नहीं है, यद्यपि वह उसके कारण नहीं बता सकती है। वह सोचती है कि आप एक बुद्धिमान व्यक्ति हैं तथा वह आपका परामर्श पूछती है।
- चुप रहना उसके लिए नैतिक रुप से सही नहीं है यह दर्शाने के लिए आप क्या तर्क प्रस्तुत कर सकते हैं?
- आप उसे कौन-सा रास्ता अपनाने की सलाह देंगे और क्यों देंगे?
प्रश्न 10. खनन, बांध एवं अन्य बड़े पैमाने की परियोजनाओं के लिए आवश्यक भूमि अधिकांशतः आदिवासियों, पहाड़ी निवासियों एवं ग्रामीण समुदायों से अर्जित की जाती है। विस्थापित व्यक्तियों को कानूनी प्रावधानों के अनुरुप मौद्रिक मुआवजा दिया जाता है। फिर भी भुगतान प्रायः धीमी गति से होता है। किसी भी हालत में विस्थापित परिवार लम्बे समय तक जीवनयापन नहीं कर पाते। इन लोगों के पास बाजार की आवश्यकतानुसार किसी दूसरे धंधे में लगने का कौशल भी नहीं होता है। वे आखिरकार कम मजदूरी वाले आवर्जिक (प्रवासी) श्रमिक बन जाते है। इसके अलावा, उसके सामुदायिक जीवन के परम्परागत तरीके अधिकांशतः समाप्त हो जाते हैं। अतः विकास के लाभ उद्योगों, उद्योगपतियों एवं नगरीय समुदायों को चले जाते हैं, जबकि विकास की लागत इन गरीब असहाय लोगों पर डाल दी जाती है। लागतों एवं लाभों का यह अनुचित वितरण अनैतिक है।
यदि आपको ऐसे विस्थापित व्यक्तियों के लिए अच्छे मुआवजे एवं पुनःवास की नीति का मसौदा बनाने का कार्य दिया जाता है, जो आप इस समस्या के सम्बन्ध में क्या दृष्टिकोण रखेंगे एवं आपके द्वारा सुझाई गई नीति के मुख्य तत्व कौन-कौन से होगें?
प्रश्न 11. कल्पना करें कि आप एक सामाजिक सेवा योजना की क्रियान्विती के कार्य प्रभारी हैं, जिससे बूढ़ी एवं निराश्रय महिलाओं की सहायता प्रदान करनी है। एक बूढ़ी एवं अशिक्षित महिला योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए आपके पास आती है। यद्यपि, उसके पास पात्रता के मानदंडों को पूरा करने वाले कागजात दिखाने के लिए नहीं हैं। परन्तु उससे मिलने उवं उसे सुनने से आप यह महसूस करते हैं कि उसे सहायता की निश्चित रूप से आवश्यकता है। आपकी जांच में यह भी आया है कि वास्तव में वह दयनीय दशा में निराश्रित जीवन व्यतीत कर रही है। आप इस धर्मसंकट में हैं कि क्या किया जाए। उसे बिना आवश्यक कागजात के योजना में सम्मिलित किया जाना, नियमों का स्पष्ट उल्लंघन होगा। उसे सहायता के लिए मना करना भी निर्दयता एवं अमानवीय होगा।
- क्या आप इस धर्मसंकट के समाधान के लिए कोई तार्किक तरीका सोच सकते है?
- इसके लिए अपने कारण बतलाइए।
प्रश्न 12. आप एक सरकारी कार्यालय में अपने विभाग के निदेशक के सहायक के रूप में कार्यरत एक युवा, उच्चाकांक्षी एवं निष्कपट कर्मचारी है। जैसा कि आपने अभी पद ग्रहण किया है, आपको सीखने एवं प्रगति की आवश्यकता है। भाग्यवश आपका उच्चस्थ बहुत दयालु एवं आको अपने कार्य के लिए प्रशिक्षित काने के लिए तैयार है। वह बहुत बुद्धिमान एवं पूर्ण जानकार व्यक्ति है, जिसे विभिन्न विभागों का ज्ञान है। संक्षेप में, आप अपने बॉस का सम्मान करते हैं तथा उससे बहुत कुछ सीखने के उत्सुक हैं।
जैसा कि आपके साथ बॉस के सम्बन्ध अच्छे हैं, वह आप पर निर्भर करने लगा है। एक दिन खराब स्वास्थ्य के कारण आपको कुछ आवश्यक कार्य पूरा करने के लिए घर पर बुलाया।
आप उसके घर पहुँचे एवं घंटी बजाने से पूर्व आपने जोर-जोर से चिल्लाने का शोर सुना। आपने कुछ समय प्रतीक्षा की। घर में प्रवेश करने पर बॉस ने आपका अभिन्दन किया तथा कार्य के बारे में बतलाया। परन्तु आप एक औरत के रोने की आवाज से निरन्तर व्याकुल रहे। अन्त में आपने अपने बॉस से पूछा परन्तु उसने सन्तोषप्रद जवाब नहीं दिया।
अगले दिन आप कार्यालय में इसके बारे में आगे जानकारी करने को उद्वेलित हुए मालूम हुआ कि उसका घर में अपनी पत्नी के साथ व्यवहार बहुत खराब है। वह अपनी पत्नी की मारपीट भी करता है। उसकी पत्नी ठीक से शिक्षित नहीं है तथा अपने पति की तुलना में एक सरल महिला है। आप देखते हैं कि आपका बॉस कार्यालय में अच्छा व्यक्ति है, परन्तु घर पर वह घरेलू हिंसा में संलिप्त है।
इस स्थिति में, आपके सामने निम्नलिखित विकल्प बचे हैं। प्रत्येक विकल्प का परिणामों के साथ विश्लेषण कीजिए।
- इसके बारे में सोचना छोड़ दीजिए क्योंकि यह उनका व्यक्तिगत मामला है।
- उपयुक्त प्राधिकारी को मामले को प्रेषित कीजिए।
- स्थिति के बारे में आपका स्वयं का नवप्रवर्तनकारी दृष्टिकोण।
प्रश्न 13. ए.बी.सी. लिमिटेड एव बड़ी पारराष्ट्रीय कम्पनी है जो विशाल शेयरधारक के आधार पर विविध व्यापारिक गतिविधियां संचालित करती है। कम्पनी द्वारा निरन्तर विस्तार एवं रोजगार सृजन हो रहा है। कम्पनी ने अपने विस्तार एवं विविधता कार्यक्रम के अन्तर्गत विकासपुरी, जो एक अविकसित क्षेत्र है, में एक नया संयंत्र स्थापित करने का निर्णय किया है। नया संयंत्र ऊर्जा दक्ष प्रौद्योगिकी के प्रयोग के अनुरूप प्रारूपित किया गया है जो कम्पनी के उत्पादन लागत को 20% बचाएगी। कम्पनी के निर्णय सरकार की अविकसित क्षेत्रें के विकास के लिए निवेश को आकर्षित करने की नीति के अनुरूप हैं। सरकार ने उन कम्पनियों को पाँच वर्ष के लिए करों में छूट (टेक्स होलीडे) की घोषणा की है जो अविकसित क्षेत्र में निवेश करती हैं। फिर भी, नया संयंत्र विकासपूरी क्षेत्र के शान्तिप्रिय निवासियों के लिए अव्यवस्था पैदा कर देगा। नए संयंत्र के परिणामस्वरुप की लागत बढ़ेगी, क्षेत्र में विदेशी प्रवसन से सामाजिक एवं आर्थिक व्यवसथा प्रभावित होगी। कम्पनी को सम्भावित विरोध का आभास होने पर उसने विकासपुरी क्षेत्र के लोगों एवं जनता को यह बताने की कोशिश की कि कम्पनी की निगमीय सामाजिक उत्तरदायित्व की नीति विकासपुरी क्षेत्र के निवासियों की सम्भावित कठिनाइयों को रोकने में मददगार रहेगी। इसके बावजूद भी विरोध प्रारम्भ होता है तथा कुछ निवासी न्यायपालिका जाने का इस आधार पर निर्णय करते हैं कि इससे पूर्व सरकार के सामने दिए गए तर्कों का कोई परिणाम नहीं निकला था।
- इस मामले में अन्तःनिहित समस्याओं की पहचान कीजिए।
- आप कम्पनी के लक्ष्यों एवं प्रभावित निवससियों की सन्तुष्टि के लिए क्या सुझाव दे सकते हैं?
प्रश्न 14. सरस्वती यू.एस.ए. सूचना प्रौद्योगिकी की एक सफल पेशेवर थी। अपने देश के लिए कुछ करने की राष्ट्र-भावना से प्ररित होकर वह वापस भारत आई। उसने गरीब ग्रामीण समुदाय के लिए एक पाठशाला निर्माण के लिए एक-जैसे विचारों वाले कुछ मित्रें के साथ मिलकर एक गैर-सरकारी संगठन बनाया।
पाठशाला का लक्ष्य नाममात्र की लागत पर उच्च स्तरीय आध्ुनिक शिक्षा प्रदान करना था। उसने जल्दी ही पाया कि उसे कई सरकारी ऐजेन्सियों से अनुमति लेनी होगी। नियम एवं प्रक्रियाएं काफी अस्पष्ट एवं जटिल थीं। अनावश्यक देरियों, अधिकारियों की कठोर प्रवृत्ति एवं घूस की लगातार मांग से वह सबसे ज्यादा हतोत्साहित हुई। उसके एवं उस जैसे दूसरों के अनुभव ने लोगों को सामाजिक सेवा परियोजनाओं को लेने से रोका हुआ है।
स्वैच्छिक सामाजिक कार्य पर सरकारी नियन्त्रण के उपाय आवश्यक हैं। परन्तु इन्हें बाध्यकारी या भ्रष्टरूप में प्रयोग में नहीं लिया जाना चाहिए। आप क्या उपाय यह सुनिश्चित करने के लिए सूझाऐंगे कि जिससे आवश्यक नियन्त्रण के साथ नेक इरादों वाले ईमानदार गैर-सरकारी संगठन के प्रयासों में बाधा नहीं आए?
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