UPSC IAS (Mains) 2019 General Studies (Paper -2) Exam Question Paper in Hindi | UPSC MAINS GS-2 2019 Question Paper in Hindi
यूपीएससी आईएएस 2019 (मुख्य परीक्षा) सामान्य अध्ययन पेपर -2 | UPSC IAS (Mains) 2019 General Studies (Paper – 2) Exam Question Paper
Download UPSC IAS (Mains) 2019 General Studies (Paper – 2) Exam Question Paper | Upsc Previous Year Mains Question Paper
डाउनलोड यूपीएससी आईएएस 2019 (मुख्य परीक्षा) सामान्य अध्ययन पेपर -2
UPSC IAS (Mains) 2019 General Studies (Paper -2) Exam Question Paper in Hindi |
विषय (Subject) : General Studies (GS) Paper -2
साल (Year): 2019
माध्यम (Medium): Hindi
1. क्या आपके विचार में भारत का संविधान शक्तियों के कठोर पृथक्करण के सिद्धांत को स्वीकार नहीं करता है, बल्कि यह नियंत्रण एवं संतुलन के सिद्धांत पर आधारित है? व्याख्या कीजिए।
2. केन्द्रीय प्रशासनिक अधिकरण जिसकी स्थापना केन्द्रीय सरकार के कर्मचारियों द्वारा या उनके विरूद्ध शिकायतों एवं परिवादों के निवारण हेतु की गइ्र थी, आजकल एक स्वतंत्र न्यायिक प्राधिकरण के रूप में अपनी शक्तियों का प्रयोग कर रहा है। व्याख्या कीजिए।
3. भारत में नीति निर्माताओं को प्रभावित करने के लिए किसान संगठनों द्वारा क्या-क्या तरीके अपनाए जाते हैं और वे तरीके कितने प्रभावी हैं?
4. न्यायालयों के द्वारा विधायी शक्तियों के वितरण से संबंधित मुद्दों को सुलझाने से, परिसंघीय सर्वोच्चता का सिद्धांत और समरस अर्थान्वयन उभर कर आए हैं। स्पष्ट कीजिए।
5. धर्मनिरपेक्षता को भारत के संविधान के उपागम से फ्रांस क्या सीख सकता है?
6. उच्च संवृद्धि के लगातार अनुभव के बावजूद, भारत के मानव विकास के निम्नतम संकेतक चल रहे हैं। उन मुद्दों का परीक्षण कीजिए, जो संतुलित और समावेशी विकास को पकड़ में आने नहीं दे रहे हैं।
7. भारत में निर्धनता और भूख के बीच संबंध में एक बढ़ता हुआ अंतर है। सरकार द्वारा सामाजिक व्यय को संकुचित किए जाना, निर्धनों को अपने खाद्य बजट को निचोडते हुए खाद्येतर अत्यावश्यक मदों पर अधिक व्यय करने के लिए मजबूर कर रहा है। स्पष्ट कीजिए।
8. सूचना और संप्रेषण प्रौद्योगिकी (आई-सी-टी-) आधारित परियोजनाओं/ कार्यक्रमों का कार्यान्वयन आम तौर पर कुछ विशेष महत्वपूर्ण कारकों की दृष्टि से ठीक नहीं रहता है। इन कारकों की पहचान कीजिए और उनके प्रभावी कार्यान्वयन के उपाय सुझाइए।
9. भारत और जापान के लिए समय आ गया है कि एक ऐसे मजबूत समसामयिक संबंध का निर्माण करे, जिसका वैश्विक एवं रणनीतिक साझेदारी को आवेष्टित करते हुए एशिया एवं सम्पूर्ण विश्व के लिए बड़ा महत्व होगा। टिप्पणी कीजिए।
10. आवश्यकता से कम नगदी, अत्यधिक राजनीति ने यूनेस्को को जीवन रक्षण की स्थिति में पहुंचा दिया है। अमेरिका द्वारा सदस्यता परित्याग करने और सांस्कृतिक संस्था पर इजराइल विरोधी पूर्वाग्रह होेने का दोषारोपण करने के प्रकाश में इस कथन की विवेचना कीजिए।
11. किन आधारों पर किसी लोक प्रतिनिधि को लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के अधीन निरर्हित किया जा सकता है? उन उपचारों का भी उल्लेख कीजिए जो ऐसे निरर्हित व्यक्ति को अपनी निरर्हता के विरूद्ध उपलब्ध है।
12. संविधान का संशोधन करने की संसद की शक्ति एक परिसीमित शक्ति है और इसे आत्यंतिक शक्ति के रूप में विस्तृत नहीं किया जा सकता है। इस कथन के आलोक में व्याख्या कीजिए कि क्या संसद संविधान के अनुच्छेद 368 के अंतर्गत अपनी संशोधन की शक्ति का विशदीकरण करके संविधान के मूल ढांचे को नष्ट कर सकती है?
13. स्थानीय स्वशासन की संस्थाओं में महिलाओं के लिए सीटों के आरक्षण का भारत के राजनीतिक प्रक्रम के पितृतंत्रत्मक अभिलक्षण पर एक सीमित प्रभाव पड़ा है। टिप्पणी कीजिए।
14. महान्यायवादी भारत की सरकार का मुख्य विधि सलाहकार और वकील होता है। चर्चा कीजिए।
15. राष्ट्रीय विधि निर्माता के रूप में अकेले एक संसद सदस्य की भूमिका अवनति की ओर है, जिसके फलस्वरूप वादविवादों की गुणता और उनके परिणामों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ भी चुका है। चर्चा कीजिए।
16. विकास योजना के नव उदारी प्रतिमान के संदर्भ में, आशा की जाती है कि बहु-स्तरीय योजनाकरण संक्रियाओें को लागत प्रभावी बना देगा और अनेक क्रियान्वयन रूकावटों को हटा देगा। चर्चा कीजिए।
17. विभिन्न सेवा क्षेत्रकों के बीच सहयोग की आवश्यकता विकास प्रवचन का एक अंतर्निहित घटक रहा है। साझेदारी क्षेत्रकों के बीच पुल बनाती है। यह सहयोग और टीम भावना की संस्कृति को भी गति प्रदान कर देती है। उपरोक्त कथनों के प्रकाश में भारत के विकास प्रक्रम का परीक्षण कीजिए।
18. सुभेद्य वर्गों के लिए क्रियान्वित की जाने वाली कल्याण योजनाओं का निष्पादन उनके बारे में जागरूकता के न होने और नीति प्रक्रम की सभी अवस्थाओं पर उनके सक्रिय तौर पर सम्मिलित न होने के कारण इतना प्रभावी नहीं होता है। -चर्चा कीजिए।
19. उभरती हुई वैश्विक व्यवस्था में, भारत द्वारा प्राप्त नव-भूमिका के कारण, उत्पीडि़त एवं उपेक्षित राष्ट्रों के मुखिया के रूप में दीर्घकाल से संपोषित भारत की पहचान लुप्त हो गई है। विस्तार से समझाइये।
20. भारत और यूनाइटेड स्टेट्स के बीच संबंधों में खटास के प्रवेश का कारण वाशिंगटन का अपनी वैश्विक रणनीति में अभी तक भी भारत के लिए किसी ऐसे स्थान की खोज करने में विफलता है, जो भारत के आत्म-समादर और महत्वाकांक्षा को संतुष्ट कर सके। उपयुक्त उदाहरणों के साथ स्पष्ट कीजिए।
UPSC IAS (Mains) 2019 General Studies (Paper -2) Exam Question Paper in Hindi | UPSC MAINS GS-2 2019 Question Paper in Hindi
ALSO READ -:
वैदिक काल में नारी शिक्षा की स्थिति। Women education status in Vedic Period in Hindi |
ऑनलाइन शिक्षा : फायदे और नुकसान । ONLINE EDUCATION : Advantages & Disadvantages ।
शिक्षा का महत्व | IMPORTANCE OF EDUCATION |
बुल्ली बाई एप क्या है? बुल्ली बाई एप। Bulli Bai App। Bulli Bai App in Hindi। Bulli Bai App Kya Hai?
BHITOLI (भिटौली) : एक परंपरा अपने परिवारजनों के इंतज़ार की | BHITOLI : A TRADITION OF UTTARAKHAND
उत्तराखंड का राज्य वृक्ष बुरांश | BURANSH ; STATE TREE OF UTTARAKHAND| FLOWERS OF BURANSH
चार धाम यात्रा | उत्तराखंड चार धाम | Char Dham Yatra in Hindi | Uttarakhand Char Dham Yatra in Hindi
UTTARAKHAND LAND LAW | उत्तराखंड भू कानून | LAND LAW OF UTTARAKHAND
Kaafal (काफल) : उत्तराखंड का दैवीय गुणों वाला फल।
उत्तराखंड का पारंपरिक लोकपर्व फूलदेई | PHOOL DEI ; A TRADITIONAL FESTIVAL OF UTTARAKHAND IN HINDI