UPSC IAS (Mains) 2019 Hindi Literature (Paper -2) Exam Question Paper in Hindi | यूपीएससी आईएएस 2019 (मुख्य परीक्षा) हिंदी साहित्य पेपर -2 | Hindi Literature Previous Year Question Paper 2019
UPSC IAS (Mains) 2019 Hindi Literature (Paper – 2 ) Exam Question Paper
Hindi Literature Previous Year Question Paper 2019
2019
Section A
- निम्नलिखित काव्यांशों की लगभग 150 शब्दों में ऐसी व्याख्या कीजिए कि इसमें निहित काव्य-मर्म भी उद्घाटित हो सके:
1.(a) जाका गुर भी अंधला, चेला है जा चंध । अंधे अंघा ठेलिया, दून्यू कूप पडंत ।। ना गुर मिल्या न सिष भया, लालनि खेल्या दाव । दून्यूं बूड़े धार मैं, चढ़ि पाथर की नाव ।।
- (b) नामु लिये पूतको पुनीत कियो पातकीसु, आरति निवारी ‘प्रभु पाहि’ कहें पीलकी । छलनिको छाँड़ी, सो निगोड़ी छोटी जाति-पांति कीन्ही लीन आपुमें सुनारी भोंड़े भीलकी ।।
1.(c) महत्ता के चरण में था विषादाकुल मन ! मेरा उसी से उन दिनों होता मिलन यदि तो व्यथा उसकी स्वयं जीकर बताता मैं उसे उसका स्वयं का मूल्य उसकी महत्ता !
- (d) आराधन का दृढ आराधन से दो उत्तर, तुम बरो विजय संयत प्राणों से प्राणों पर, रावण अशुद्ध होकर भी यदि कर सका त्रस्त,
तो निश्चय तुम हो सिद्ध करोगे उसे ध्वस्त,
शक्ति की करो मौलिक कल्पना, करो पूजन छोड़ दो समर जब तक न सिद्धि हो, रघुनंदन !
1.(e) जाने दो, वह कवि-कल्पित था,
मैने तो भीषण जाड़ों में नभ-चुंबी कैलास शीर्ष पर, महामेघ को झंझानिल से गरज- गरज भिड़ते देखा है।
- (a) ‘भ्रमरगीत’ की अवधारणा पर विचार करते हुये गोपियों की वाग्विदग्धता का परिचय दीजिये ।
- (b) बिहारी की सूक्ष्म सौंदर्य दृष्टि का निरूपण कीजिये ।
- (c) ‘राम की शक्ति पूजा’ में निराला के आत्मसंघर्ष की भी व्यथा-कथा है ।’ सोदाहरण स्पष्ट कीजिये ।
3.(a) ‘ब्रह्मराक्षस के मिथकीय प्रयोग’ की व्याख्या करते हुये मध्यवर्गीय जीवन की त्रासदी पर प्रकाश डालिये। 20
3.(b) ‘कामायनी’ विषम परिस्थितियों में जीवन के सृजन का महाकाव्य है।’ स्पष्ट कीजिये ।
3.(c) ‘अकाल के बाद’ कविता की मूल संवेदना को सोदाहरण विवेचित कीजिये ।
4.(a) ‘भारत भारती’ की राष्ट्रीय चेतना को आज के संदर्भ में समझाइये ।
4.(b) ‘कवितावली’ के भाव सौंदर्य की विशेषताओं पर प्रकाश डालिये
- (c) कबीर की भाषा सधुक्कड़ी है। इस कथन पर विचार कीजिये ।
खण्ड ‘B’ SECTION ‘B’
निम्नलिखित गद्यांशों की संदर्भ सहित व्याख्या कीजिए और उसका मान-सौंदर्य प्रतिपादित ए (प्रत्येक लगभग 150 शब्दों में)
5.(a) एक पगली-सी स्मृति, एक उद्ग्रान्त भावना चैपल के शीशों के परे पहाड़ी सूखी हवा में झुकी हुई विलोज की कांपती टहनियां, पैरों तले चीड़ के पत्तों की धीमी सी चिर-परिचित खड़- खड़…… वही पर गिरीश एक हाथ में मिलिटरी का खाकी हैट लिए खड़ा है – चौडे, उठे सबल कंधे, अपना सिर वहाँ टिका दो तो जैसे सिमटकर खो जायगा ….
5.(b) फूट, डाह, लोभ, भय, उपेक्षा, स्वार्थपरता, पक्षपात, हठ, शोक, अश्रुमार्जन और निर्बलता – झ एक दरजन दूती और दूतों को शत्रुओं की फौज में हिला मिलाकर ऐसा पंचामृत बनाया कि सारे शत्रु बिना मारे घंटा पर के गरुड़ हो गए।
5.(c) अब भी उत्साह का अनुभव नहीं होता…..? विश्वास करो तुम यहाँ से जाकर भी यहाँ से अलग नहीं होओगे । यहाँ की वायु, यहाँ के मेघ और यहाँ के हरिण, इन सबको तुम साथ ले जाओगे…. । और मैं भी तुम से दूर नहीं होऊंगी। जब भी तुम्हारे निकट होना चाहूंगी, पर्वत-शिखर पर चली जाऊंगी और उड़कर आते मेघों में घिर जाया करूंगी।
- (d) “क्या बताऊँ ? गरीबी की बीमारी थी। पांच साल हो गये पेंशन पर बैठे, पर पेंशन अभी तक नहीं मिली। हर दस-पन्द्रह दिन में एक दरख्वास्त देते थे, पर वहाँ से या तो जवाब नहीं आता था और आता तो यही कि तुम्हारी पेंशन के मामले में विचार हो रहा है। इन पाँच सालों में मेरे सब गहने बेचकर इस लोग खा गए। फिर बर्तन बिके। अब कुछ नहीं बचा था। फाके होने लगे थे। जिला में मुल-मुक्ते और भूखे मरते-मरते उन्होंने दम तोड़ दिया
5.(e) मनुष्य के लिए कविता इतनी प्रयोजनीय बस्तु है कि संसार की सम्प- असभ्य सभी जातियों में, किसी म किसी रूप में पायी जाती है। चाहे इतिहास न हो, विज्ञान न हो, दर्शन न हो, पर कबिता का प्रचार अवश्य रहेगा। बात यह है कि मनुष्य अपने ही व्यापारों का ऐसा सघन और जटिल मंडल बाँचता चला जा रहा है। जिसके भीतर बंध-बंध वह शेष सृष्टि के साथ अपने हृदय का संबंध भूला-सा रहता है।
6.(a) ‘मैला आंचल’ की राजनीतिक चेतना पर प्रकाश डालिए ।
6(b) ‘भारत दुर्दशा’ में अपने समय की विभीषिका का चित्रण हुआ है।’ स्पष्ट कीजिए।
6( c ) आ. हजारी प्रसाद द्विवेदी के निबंधों में तर्क और विचार के साथ भाव प्रवणता भी है। इस कथन की सोदाहरण व्याख्या कीजिये
7.(a) ‘दिव्या’ स्त्री स्वतंत्रता का उद्घोष है।” विवेचन कीजिए ।
- (b) ‘रंगमंच’ की दृष्टि से ‘आषाढ़ का एक दिन’ की विवेचना कीजिये ।
7.(c) ‘जिंदगी और जोक’ में रजुआ की जिजीविषा पर प्रकाश डालिए ।
- (a) ‘महाभोज’ की मूल संवेदना को स्पष्ट कीजिये ।
8.(b) ‘गोदान’ की धनिया स्त्री चरित्र का उदात्त रूप है।” सोदाहरण प्रकाश डालिये ।
8.(c) ‘श्रद्धा और भक्ति’ के अंतर को स्पष्ट करते हये आचार्य शुक्ल के निबंधों की विशेषता बताइये।
UPSC IAS (Mains) 2019 Hindi Literature (Paper -2) Exam Question Paper in Hindi
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