UPSC IAS (Mains) 2020 Hindi Literature (Paper -2) Exam Question Paper in Hindi | यूपीएससी आईएएस 2020 (मुख्य परीक्षा) हिंदी साहित्य पेपर -2 | Hindi Literature Previous Year Question Paper 2020
UPSC IAS (Mains) 2020 Hindi Literature (Paper – 2 ) Exam Question Paper
Hindi Literature Previous Year Question Paper 2020
2020
- निम्नलिखित काव्यांशों की लगभग 150 शब्दों में ऐसी व्याख्या कीजिए कि इसमें निहित काव्य-मर्म भी उद्घाटित हो सके :
- (a) कबीर प्रेम न चषिया, चषि न लीया साब | सूने घर का पाहुणा, ज्यू आया त्यूँ जाव ॥ कबीर चित चमंकिया, चहुँ दिसि लागी लाइ । हरि सुमिरण हाथु घड़ा, बेगे लेहु बुझाइ ॥
1.(b) खेलन सिखए, अलि, भलै चतुर अहेरी मार। कानन-चारी नैन-मृग नागर नरनु सिकार ॥ लग्यो सुमनु है है सफलु, आतप-रोसु निवारि । है । बारी, बारी आपनी सीचि सुहृदता बारि ॥
1.(c) जिसकी प्रभा के सामने रवि तेज भी फीका पड़ा, अध्यात्मविद्या का यहाँ आलोक फैला था बड़ा! मानस-कमल सबके यहाँ दिन-रात रहते थे खिले, मानो सभी जन ईश की ज्योतिरहटा में थे मिले ॥
1(d) शोषण की शृंखला के हेतु बनती जो शांति, युद्ध है, यथार्थ में, व भीषण अशांति है; सहना उसे हो मौन, हार मनुजत्व की है, ईश की अवशा घोर, पौरुष की भ्रांति है: पातक मनुष्य का है, मरण मनुष्यता का, ऐसी शृंखला में धर्म विप्लव है, क्रांति है।
1.(e) अलस अंगड़ाई लेकर मानो जाग उठी थी वीणा : किलक उठे थे स्वर-शिशु नीरव पद रखता जालिक मायावी सधे करों से धीरे-धीरे डाल रहा था जाल हेम तारों का ।
2.(a) कवितावली’ में निहित युगीन संदर्भों का सोदाहरण विवेचन कीजिए।
2 (b) “‘पद्मावत’ में आध्यात्मिक प्रेम की झांकियां विद्यमान हैं।” इस कथन से आप कहां तक सहमत हैं? सोदाहरण समझाइए ।
- (c) मुक्तिबोध अपनी कविता में एक सच्चा खरा और संघर्षशील संसार रचते हैं।” इस कपन की समीक्षा कीजिए
3(a) “क्षेत्र” एक साधारण मनुष्य का शंकाकुल हृदय है, जो मस्तिष्क के स्तर पर चढ़कर बोल रहा है।” इस कथन की समीक्षा कीजिए।
3.(b) ‘प्रसाद मूलतः प्रेम और सौंदर्य के कवि हैं।” इस कथन के आधार पर ‘कामायनी’ में अभिव्यक्त प्रेम एवं सौंदर्य का स्वरूप स्पष्ट कीजिए।
3.(c) ‘सूरदास में जितनी सहृदयता और भावुकता है, प्रायः उतनी चतुरता और वाग्विदग्धता भी है।” ‘भ्रमरगीत-सार’ के परिप्रेक्ष्य में विवेचना कीजिए
4.(a) कबीरदास के रचना-संसार में निहित समाज-चिंता पर प्रकाश डालिए ।
4.(b) ‘राम की शक्तिपूजा” एक पराजित मन और दूसरे अपराजित मन के अस्तित्व की अनुभूति है। इस कथन की व्याख्या करते हुए निराला के काव्य का मूल्यांकन कीजिए।
4.( c) नागार्जुन की कविता में प्रकृति वर्णन का विवेचन कीजिए ।
खण्ड ‘B’
SECTION •B’
- निम्नलिखित गद्यांशों की संदर्भ सहित व्याख्या कीजिए और उसका भाव-सौंदर्य प्रतिपादित कीजिए। (प्रत्येक लगभग 150 शब्दों में)
- (a) इस गतिशील जगत् में परिवर्तन पर आश्चर्य! परिवर्तन रुका कि महापरिवर्तन – प्रलय हुआ। परिवर्तन ही सृष्टि हैं, जीवन है। स्थिर होना मृत्यु है, निश्चेष्ट शांति मरण है। प्रकृति क्रियाशील है। समय पुरुष और स्त्री की गेंद लेकर दोनों हाथ से खेलता है। 10
5.(b) राजनीति साहित्य नहीं है। उसमें एक एक क्षण का महत्त्व है। कभी एक क्षण भी स्खलित हो जाए, तो बड़ा अनिष्ट हो सकता है। राजनीतिक जीवन की धुरी में बने रहने के लिए व्यक्ति को बहुत जागरूक रहना पड़ता है।
- (c) यदि प्रेम स्वप्न है, तो श्रद्धा जागरण है। प्रेम प्रिय को अपने लिए और अपने को प्रिय के लिए संसार से अलग करना चाहता है। प्रेम में केवल दो पक्ष होते हैं और श्रद्धा में तीन प्रेम में कोई मध्यस्य नहीं पर श्रद्धा में मध्यस्थ अपेक्षित है।
5.(d ) मैं प्रेम को संदेह से ऊपर समझती हूँ। वह देश की वस्तु नहीं, आत्मा की वस्तु है। संदेह का वहाँ जरा भी स्थान नहीं और हिंसा तो संदेह का ही परिणाम है। वह संपूर्ण आत्म-समर्पण है। उसके मंदिर में तुम परीक्षक बनकर नहीं, उपासक बनकर ही वरदान पा सकते हो।
- (E) और यह राजधानी । जहाँ सब अपना है, अपने देश का है पर कुछ भी अपना नहीं है, अपने देश का नहीं है। तमाम सड़कें हैं, जिन पर वह जा सकता है, लेकिन वे सड़कें कहीं नहीं पहुंचाती । उन सड़कों के किनारे घर हैं, बस्तियाँ हैं पर किसी भी घर में वह नहीं जा सकता ।
- (a) “भारत दुर्दशा’ नाटक में व्यंग्य को एक जबरदस्त हथियार के रूप में इस्तेमाल किया गया है।” स्पष्ट कीजिए ।
6.(b) ‘दिव्या’ ऐतिहासिक पृष्ठभूमि में व्यक्ति और समाज की प्रवृत्ति और गति का चित्र है।” इस कथन का आलोचनात्मक विवेचन कीजिए।
- (c) आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी द्वारा रचित निबंध ‘कुटज’ का तात्त्विक विवेचन कीजिए ।
7.(a) ‘कविता क्या है’ निबंध के आधार पर कविता के संबंध में निबंधकार के विचारों का विवेचन कीजिए
7.(b) “प्रसाद के नाटक भारत के इतिहास का पुनर्निर्माण करते हैं।’ ‘स्कंदगुप्त नाटक के संदर्भ में इस कथन की व्याख्या कीजिए ।
7.(c) मैला आँचल’ के आधार पर उपन्यासकार की जीवनदृष्टि का परिचय दीजिए
8 ( a) ‘आषाढ़ का एक दिन’ का कालिदास दुर्बल नहीं है; कोमल, अस्थिर और अंतर्दृढ़ से पीड़ित है।” इस कथन की सप्रमाण संपुष्टि कीजिए ।
8( b) ‘गोदान’ भारतीय कृषि जीवन का ज्वलंत दस्तावेज़ है।” इस कथन की सोदाहरण समीक्षा कीजिए ।
8(c) ‘भोलाराम का जीव’ के माध्यम से हरिशंकर परसाई की व्यंग्य चेतना पर प्रकाश डालिए।
UPSC IAS (Mains) 2020 Hindi Literature (Paper -2) Exam Question Paper in Hindi
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