VALUE OF EDUCATION
बचपन में हमने एक श्लोक में पढ़ा भी है कि
विदेश में विद्या मित्र , घर में जीवनसाथी मित्र होता हैं।
रोगी के लिए दवा मित्र होती है ,मृत्यु के बाद धर्म ही रोगी का मित्र होता है।
शिक्षा का महत्व हम बचपन से ही देखते आये है, कहा गया हैं कि – ज्ञान वह निवेश हैं जिसका मुनाफा जीवन के अंत तक मिलता रहता है। एक राजा या शासक अपनी शक्ति के बल पर वहीं तक पूजा जाता है, जहाँ तक उसका साम्राज्य फैला होता है। वो केवल अपनी प्रजा का प्रिय होता है परन्तु अपनी ज्ञान की कीर्ति फैलाने वाले अल्बर्ट आइंस्टीन, विलियम सेक्सपीअर, रविन्द्र नाथ टैगोर, आचार्य चाणक्य, स्वामी विवेकानन्द आदि सिर्फ अपनी जन्मभूमि में ही नहीं बल्कि पुरे विश्व में पूजे जाते हैं। संपूर्ण मानव जाति के लिए वो प्रेरणास्रोत बनते है।
शिक्षा का महत्व हम बचपन से ही देखते आये है, कहा गया हैं कि – ज्ञान वह निवेश हैं जिसका मुनाफा जीवन के अंत तक मिलता रहता है। एक राजा या शासक अपनी शक्ति के बल पर वहीं तक पूजा जाता है, जहाँ तक उसका साम्राज्य फैला होता है। वो केवल अपनी प्रजा का प्रिय होता है परन्तु अपनी ज्ञान की कीर्ति फैलाने वाले अल्बर्ट आइंस्टीन, विलियम सेक्सपीअर, रविन्द्र नाथ टैगोर, आचार्य चाणक्य, स्वामी विवेकानन्द आदि सिर्फ अपनी जन्मभूमि में ही नहीं बल्कि पुरे विश्व में पूजे जाते हैं। संपूर्ण मानव जाति के लिए वो प्रेरणास्रोत बनते है।
प्रत्येक सफलता के पीछे कोई न कोई कहानी अवश्य होती है, और उस कहानी एवं सफलता के पीछे हैं “ज्ञान” या कहे शिक्षा का महत्व जो हमारे जीवन की आधारशिला हैं।
विद्या या ज्ञान का महत्व –
1 . विद्या की चोरी नहीं हो सकती –
बचपन में हम सबने एक श्लोक पढ़ा होगा कि –
विद्या रूपी धन को न तो चोर चुरा सकता है, न राजा छीन सकता है, न ही भाई बाँट सकते हैं, और यह खर्च करने पर और बढ़ता है
ये अत्यंत सत्य बात हैं कि हर प्रकार के धन या सम्पति को या तो चुराया जा सकता है या उसपर कब्ज़ा किया जा सकता है , परन्तु विद्या या कौशल को आपसे कोई नहीं चुरा सकता है। यहाँ तक समय के साथ साथ कौशल पर लगातार काम करते हुए कौशल समय के अनुसार बढ़ता ही जाता है।
किसी व्यक्ति को जो ज्ञान होगा वह समाय के अनुसार बढ़ता ही जायेगा।
आपके पास अगर धन (रूपये) है तो आप उसे सोने (GOLD) में निवेश कर सकते है। धन हो या सोना दोनों के कम होने का या खो जाने का डर हो सकता हैं, और यही धन को हम अगर शिक्षा में परिवर्तित करते है तो वह कभी कम नहीं होगा और ना ही उसकी चोरी हो सकती है।
2. तार्किकता में विकास –
आज के दौर में सबसे जरुरी बात है कि व्यक्ति का तार्किक होना। यदि व्यक्ति तार्किक होगा तो वह दिन प्रतिदिन के विवादों में बिना पड़े ही अपने कार्य को साध पायेगा और अपने लक्ष्य प्राप्ति की ओर आगे बढ़ता जाएगा।
आज के समय में सबसे महत्वपूर्ण बात यही है कि व्यक्ति
बिना इस बात की चिंता करे कि अंतिम परिणाम क्या होगा, साल के अंत में परीक्षा देने बैठेंगें तो कुछ याद रहेगा या नहीं अच्छे नंबर आएंगे या नहीं, पास हो पाएंगे या नहीं ये सभी आपकी शिक्षा के ये दिन आपको कुछ समय के लिए गंभीर जरूर रख सकते है , पर इस गंभीरता का फल आपको आपके आने वाले दिनों या भविष्य में उम्मीद से कहीं ज्यादा मिलेगा।
अगर आप ज्ञान का पीछा करते है, नंबर स्वतः ही आपके पीछे आएंगे। दो चीज़ें इंसान अपने जीवन में सिख लेता है तो वो उसे कभी नहीं भूलता एक हैं तैरना (स्विमिंग) और दूसरा हैं साइकिल चलाना, सालों बाद भी अगर आप इन क्रियाओं को करेंगे तो कभी भी इस बात की चिंता नहीं होगी कि आपको स्विमिंग करना या साइकिल चलाना याद है कि नहीं।
धन (रुपया), हथियार किसी भी व्यक्ति को ताकतवर नहीं बनाते और यदि बनाते भी है तो कुछ समय के लिए ही। क्योंकि दौलत आज होगी तो कल नहीं, शस्त्र (हथियार) का ज्ञान तभी तक काम आएगा जब तक वह चल सकता है। परन्तु शास्त्र का ज्ञान कभी नहीं रुकता, ज्ञान कभी भी समाप्त नहीं हो सकता।
शास्त्र का ज्ञान शस्त्र के ज्ञान से ज्यादा असरदार, प्रभावशाली और शक्तिशाली होता है। हमें सीखता रहना चाहिए क्योंकि ज्ञान का धनी व्यक्ति हमेशा ही सम्मान और आदरयोग्य होता है।
ज्ञान वो कवच है जो आपके जीवन में आने वाली कठिनाइयों से आपकी रक्षा करेगा फिर किसी भी सस्त्र की आपको आवश्यकता नहीं रहेगी।
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