वैदिक काल में नारी शिक्षा की स्थिति। Women education status in Vedic Period in Hindi |
Women education status in Vedic Period
महिला सशक्तिकरण ( women empowerment) एक ऐसा मुद्दा है जो वर्तमान समय में सबसे महत्वपूर्ण मुद्दों में जगह रखता हैं। विश्व की आधी आबादी के विकास की बात होना अतिआवश्यक भी हैं। इस लेख में नारी शिक्षा की स्थिति (Women education status in Vedic Period ) के इतिहास को देखने का प्रयास करेंगे। Women education status
इतिहास को सभी विषयों की जननी कहा जाता हैं। क्योंकि इतिहास से ही अनेक विषयों को आधार मिलता हैं। इतिहास पढ़ने पर अधिकतर लगता हैं कि पितृ सत्तात्मक समाज में पुरुषो को महिलाओं की अपेक्षा ज़्यादा अधिकार प्राप्त रहे हैं।
परन्तु वैदिक काल में महिलाओ को पुरुषो के सामान अनेक विशेषाधिकार प्राप्त थे। उनमे से एक अधिकार था नारी शिक्षा (Women education) का अधिकार। इस लेख में आरंभिक काल से नारी शिक्षा पर नज़र डालने का कार्य करेंगे।
भारत मे समय समय में सत्ता पक्ष बदलते रहे है। जहाँ यहाँ के स्थानीय राजाओं के शासन तो रहे ही है साथ ही बाहरी हमले भी समय समय पर देश ने झेले है। देश में जब भी सत्ता पक्ष बदले है उनका प्रभाव महिला की सामाजिक स्थिति पर भी पड़ा हैं। जिससे महिलाओ की शिक्षा (Women education status) की स्थिति में भी काफी परिवर्तन समय के साथ आते रहे है।
वैदिक काल में नारी शिक्षा की स्थिति ।
Women education status in Vedic Period
जैसे उपनिषदों में उल्लेख है कि स्त्री सृष्टि में मौजूद रिक्तता को पूर्ण करने वाली हैं।
यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः ।यत्रैतास्तु न पूज्यन्ते सर्वास्तत्रफलाः क्रियाः ।’’अर्थ – जिस कुल में स्त्रियों की पूजा होती है अर्थात स्त्रियों का सम्मान होता है उस कुल में देवता निवास करते हैं। और जिस कुल में स्त्रियों का सम्मान नहीं वहाँ सब क्रम निष्फल होते हैं।
महाभारत काल में नारी शिक्षा की स्थिति
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